Ek Shaqs tha mohabbat nhi tha magar mohabbat se kam bhi nhi tha Ek waqt tha jab is Shaqs se zyada yakeen kisi par tha nhi Or aaj ek waqt h ki usne mera yakeen todne se phle ek dafa socha bhi nhi
Lamho ki titliya kyo pakad me nahi aati Lamhe to beet jate hai Na jane inki yaade bar bar kyo he aati Aesa nahi hai ki in yaado se khushi nhi milti Par ye yaade khushi se zyada dhukh he de jaati
कोई ख्वाबो का खजाना है। बस इन ख्वाबो को असल जिंदगी में मोतियों की तरह सजाना है। पर ये ख्वाब ख्वाबो में ही अच्छे लगते। क्योकि सुबह होने पर वैसे भी इन्हें टूट ही जाना है।
आजतक न मिला कोई जो मुझे समझ पाए। ओर मेरे करीब आकर मुझे प्यार करके दिखाए। सोचा था वो खुदा तो कभी सुनेगा मेरी भी दुआए। चाहा जिसे वो मिल नही पाया। ओर उसे खुदा से मांगने पर भी दुख के अलावा और कुछ नही पाया।
जब हम भी बिना किसी वजह के खुश रहते थे। पर अब तो वो हाल है कि खुशी तो छोड़ो। अब तो बिना किसी ख्याल के ही दुखी रहते है। ओर जब भी लोग (तेरे तो मज़े है यार) कहते है। पर उन्हें कोन बताये की इन मज़ो के पीछे हम कितना दुख सहते है।