Shilpa Banerjee Roy Choudhury  
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Joined 5 April 2019


Joined 5 April 2019

बड़ी तारीफ़ मिल रही थी मुझे आज
लगता है सबने पी रखी थी..

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29 SEP 2019 AT 13:04

जरूरी नहीं कि जिसकी तिजोरी में चमकती अशर्फियां
आराम करे वो बंदा भी सुकून की नींद सो पाए ।।
सुकून की नींद के लिए तो एक तकिया सिरहाने हो एक शरीर को ढक पाए ऐसी चादर और एक मीठा सा सपना।।
एक प्यारा सा परिवार,एक हाथ थाम के रखे ऐसा जीवनसाथी,एक खुशनुमा आने वाले कल की उम्मीद।। इतना ही बहुत था।।
सब जोड़ के देखा तिजोरी में रखी अशर्फियों की जरूरत कहीं नहीं थी।।

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29 SEP 2019 AT 12:47

गर खुदा का दीदार हो जाए तो गुरूर ना कर।।
मेरे पास एक दोस्त ऐसा है जिसकी मौजूदगी भर मुझे हर बला से महफूज़ रखती है।।

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5 JUL 2019 AT 17:54

Mai likhti Hun kyonki isise mujhe pehchan mili
Mere astitva ko nai udaan mili
Mere sapne Kuch sampoorn huye,
Kuch khwab adhure paripurn huye..
Abhi to safar ki shuruwat Hui hai,
Abhi to bahut door Tak jaana hai
Par ab har haal me Kuch kar k dikhana hai..

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29 MAY 2019 AT 12:20

ये इश्क़ भी बिल्कुल बनारस की गलियों सा है
एक बार गए तो बस भटकते रह जाओगे ।।

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26 MAY 2019 AT 9:03

भूख होती है क्या चलो तुमको दिखा लाए
तुमने फेंक दिया, हम कितने प्यार से उठा लाए।।

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13 MAY 2019 AT 22:26

मुझे मायके की एक बात,जो एक ही साथ बहुत अच्छी और बुरी दोनो लगती है ।।
मां को bye कहके ट्रेन पकड़ने जाना ऐसा लगता है, जैसे ना जाने क्या छूटता जा रहा हो।।
और दूसरी ओर ट्रेन में बैठते ही मां के हाथों की गरम गरम पूरी और मनपसंद सब्जी, बस होंठो पे हंसी और आंखों में आंसू का एक साथ एक ही वक़्त पे आना,
मातृ प्रेम का संगम ही है ,और वो अद्भुत है।।
मायके में पहुंचते ही मां कहके जोर से आवाज लगाना
और मां का बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ सामने आना।।
इन बातों का कोई तोल नहीं ,और मां के प्रेम का कोई मोल नहीं।।

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19 APR 2019 AT 23:29

चलो इश्क़ करते हैं,
सुना है इश्क़ में गर्माहट बहुत होती है।।
दोनो को राहत मिलेगी।।🤩🤩

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18 APR 2019 AT 23:19

काश की उसका इश्क़ मुकम्मल हो जाए,
वो 16-17 की लड़की उसकी ज़िन्दगी में हसीन रंगत लाए।।

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18 APR 2019 AT 20:12

हिंदी वर्णमालाओं के सारे अक्षर,लिपी ,मात्राएं ,छंद,रस एक ही सुर में एकत्रित होकर आज गाने लगे,
तेरी लीलाओं को शब्दों में बांधने में खुद को असमर्थ बताने लगें।।
हे वैकुंठनाथ तू ही परमपुरुष,जगन्नाथ,जनार्दन है
तू स्वयं ही समस्त मात्राओं का सार ,भाषाओं की परिभाषा है
फिर मेरी कलम तेरी व्याख्यान क्या लिखे..??
तू ही मेरी सियाही का गाढ़ा नीला रंग और तू ही मेरे शब्दों की पूंजी है,
मै अब तुझपर क्या लिखूं??
तुझपर लिखने के साहस से उंगलियां भी कम्पन करने लगीं,
ये भी शब्दों को विराम दे तुझे शत शत नमन करने लगी।।🙏🙏

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