Sheetal Sahu   (एक जोगन ऐसी भी)
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कुछ पुरानी सी मैं, एक नई सी दुनिया ये
❤️
Joined 14 September 2017


कुछ पुरानी सी मैं, एक नई सी दुनिया ये
❤️
Joined 14 September 2017
22 MAR 2021 AT 11:58

एक शाम जब मेरी झिझक भरी हाथों को तुमने खींच अपने तन पे रख दिया, तो उस बाइक राइड ने जैसे सिहरन से भर दिया था मुझे। वो स्पर्श इतना कोमल अपितु इतना मज़बूत था की जैसे मैं पिघल भी रही हूँ और पत्थर की मूर्ति सी सवर भी। प्रेम के आभास मेसे ये आभास सबसे भिन्न और सबसे ज़रूरी होते है। तुम कमज़ोर और शक्तिशाली एकसाथ महसूस कर सको, तो वहीं सही मायनों में प्रेम है।

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20 MAR 2021 AT 13:14

गलियों से गुज़रते तुम्हारा अनायास दिख जाना
मानो बिन त्यौहार जैसे ईदी का मिल जाना

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17 MAR 2021 AT 9:37

प्यार यू तो डाट लगाकर भी जता लेते थे वो,
लेकिन जब-जब प्यार में पड़ सीने से लगाते तो
हर बार इश्क़ उस पायदान पे चढ़ जाता जहाँ दुनियाँ का हर दुख अपना अस्तित्व खो देता था और सुख की परिभाषा बस वो पल होता था।
बस वो पल, वो प्रेमी, उनकी बाहें और मैं।

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14 FEB 2021 AT 21:32

समझदारी नहीं चाहिए जीवन में
सुना है हँसी छीन लेती हैं बेरहम

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9 FEB 2021 AT 22:08

लड़कियों का प्रेम में
नासमझ हो जाना
तुम्हें शायद बेबाक़ी लगे,
वो बस प्रेम के निश्छल होने का प्रतीक हैं।

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13 JAN 2021 AT 10:42

सुबह की बात कुछ ऐसी है
की वो तुम्हारे बिना अधूरी सी लगती है

नींद भी अक़्सर अब कहाँ आती है
रात तेरी बाहें भी मुझे कहाँ नसीब होती है

तू जुगनू है या है सूरज की चमक
तुझे सांझ में ढूंढने की इजाज़त क्या मेरी है?

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12 JAN 2021 AT 0:17

ये जो समानांतर रेखाएं होती है ना, बड़ी अजीब सी होती है। साथ चलती है लेकिन कभी मिलती नहीं। तुम मेरी वही समानांतर रेखा हो। साथ चलते हो, मिलने के बहाने बनाते हो, सपने दिखाते हो....

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24 DEC 2020 AT 17:39

ख़्वाहिशें पूरी होंगी
उनकी आज़माइश तो कर,

अपने फ़न को यू तराश ले तू
उनकी नुमाइश तो कर

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16 DEC 2020 AT 10:53

एक वो जो आस नही तड़प होती हैं

एक वो ही है जो पूरा मिलता भी नही

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15 DEC 2020 AT 22:06

ख्वाहिशों में कट रही है दिन दोपहरिया
तुम आना एक रोज़ चमकीली रात बनकर

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