पांव बढ़ाओ साथी, हमको चलना भी है, एक नए जोश और नयी उमंग के साथ हमें जलना और नया सीखना भी है, और परिश्रम करना भी है, और इस कमबख्त दिन को कुछ नया सीखकर ढलना भी है।
सम्मान करना हो तो स्वयं का कीजिए, दूसरे से अपेक्षा नहीं रखिए, क्योंकि अपेक्षाओं की नियति है भंग होना, और सम्मान कभी अपने आप प्राप्त नहीं होता, उसे कमाना पढ़ता है।
If you fail in something don't worry try again no matter what, if you fail again then try again this time you won't start from the failure, You will start from the past experience.