मैं बेख़बर सी अय्यार तेरे शहर में ऐं ज़िन्दगी ढूँढती रही ठिकाना खुशियों का.... -
मैं बेख़बर सी अय्यार तेरे शहर में ऐं ज़िन्दगी ढूँढती रही ठिकाना खुशियों का....
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शायद इसीलिए हम थोड़े नादान रह गए लोगों की चालाकियों कोउनका प्रेम समझ उसमें ही फँसते रहेशायद इसीलिए हम थोड़े बिखरते गए लोगों की भीड़ को जान लियाशायद इसीलिए हम थोड़े एकाकी हो गए समय के साथ हम नहीं बदलेशायद इसीलिए लोग बदल गए... -
शायद इसीलिए हम थोड़े नादान रह गए लोगों की चालाकियों कोउनका प्रेम समझ उसमें ही फँसते रहेशायद इसीलिए हम थोड़े बिखरते गए लोगों की भीड़ को जान लियाशायद इसीलिए हम थोड़े एकाकी हो गए समय के साथ हम नहीं बदलेशायद इसीलिए लोग बदल गए...
स्वयं को पूर्ण रूप से जानना दूसरों को जानने से बेहतर हैं... -
स्वयं को पूर्ण रूप से जानना दूसरों को जानने से बेहतर हैं...
कुछ लोगों के लिए उनके स्वार्थ की प्राप्ति सर्वोपरि होती हैफिर चाहे उनके सामने उनके घनिष्ठ क्यूं न हो... -
कुछ लोगों के लिए उनके स्वार्थ की प्राप्ति सर्वोपरि होती हैफिर चाहे उनके सामने उनके घनिष्ठ क्यूं न हो...
सब ठीक हो जाएगा ये वाक्य किसी मृग मरीचिका से कम नहीजो आशा तो बाँधे रखता हैपर वास्तव में होता नहीं .. -
सब ठीक हो जाएगा ये वाक्य किसी मृग मरीचिका से कम नहीजो आशा तो बाँधे रखता हैपर वास्तव में होता नहीं ..
चंद काँटों के आने से राहो मेंज़िन्दगी बहुत बड़ी हैं फूलों पे चलने के लिए... -
चंद काँटों के आने से राहो मेंज़िन्दगी बहुत बड़ी हैं फूलों पे चलने के लिए...
फ़िक्र न करनाज़िंदगी को बिनाकिसी हिचक के जीनादूसरों की परवाह न कर ख़ुद के लिए जीना ..आसान बस लगता ही है.... -
फ़िक्र न करनाज़िंदगी को बिनाकिसी हिचक के जीनादूसरों की परवाह न कर ख़ुद के लिए जीना ..आसान बस लगता ही है....
जलाये रखिए साहब क्यूंकि मन का अंधेरा जीवन भर का उजाला छीन लेता हैं... -
जलाये रखिए साहब क्यूंकि मन का अंधेरा जीवन भर का उजाला छीन लेता हैं...
Some people consider themselves the sun And other people as planets which revolves around them.... -
Some people consider themselves the sun And other people as planets which revolves around them....
अपने वजूद को न खोनाही सबसे बड़ी जीत हैं.. -
अपने वजूद को न खोनाही सबसे बड़ी जीत हैं..