Shaktimayee Tandi   (Shakti_Qalam)
706 Followers · 3 Following

Writer?? Me?? Nahh :D

A half written poem hidden in
a complete story ◉‿◉
Joined 21 February 2019


Writer?? Me?? Nahh :D

A half written poem hidden in
a complete story ◉‿◉
Joined 21 February 2019
15 SEP 2020 AT 23:26

चलिए वक़्त की शाख़ पर बैठ आज
कुछ हसीन लम्हों को याद करते हैं ... !

'उनका पहली दफ़ा हमें देख यूँ मुस्कुराना,
हमें कसकर यूँ गले से लगा लेना,
और माथे को चूमकर फिर निग़ाहों में
कुछ राज़ छिपाए अपना रास्ता मोड़ .......... '


ख़ैर ... छोड़िये , हमें और कुछ याद ही नहीं !!

-


14 SEP 2020 AT 23:26

टूट कर चाहा था अब बिखर गये , बात ही उन्होंने कुछ यूँ कही ,
"मान लेंगे तुझे हमसे मोहब्बत है , एक वजह तो बता सही !"

कि इल्म न था , ये इल्म हुआ , हमसे इतनी सी ख़ता हुई ,
बेइंतहा तो थी मोहब्बत मगर कम्बख़्त उनसे बेवजह हुई !!



-


13 SEP 2020 AT 0:45

वो गुलाब की पंखुड़ी , वो शबनम और महकती फ़िज़ा ,
सर्द हवा , हल्की धूप और धूप सेंकते 'वो' और 'हम' !

निगाहें अक्सर वहीं ठहर जाती हैं...!

हाँ..., ले गये थे वो इक दफ़ा हमें
उस ख़ुबसूरत बाग़ ऐ तसव्वुर में !!

-


12 SEP 2020 AT 0:13

वक़्त की शाख़ पर बैठ गुफ़्तगू कर रहे हैं ...,
साथ भी नहीं मगर साथ साथ ही चल रहे ,
दो रास्ते यूँ फ़िज़ाओं में इश्क़ की आबरू कर रहे हैं !!

-


10 SEP 2020 AT 23:42

ख़ैर,आशिक़ था कभी वो आज इश्क़ हो चला !

खुद रूठा खुद से खुद ही खुद को मनाया,

ज़ख़्मों के अपने आज खुद ही जरिश्क़ हो चला ...!!


-


10 SEP 2020 AT 15:51

हमें 'उनसे' इश्क़ है , हमें 'तुमसे' इश्क़ है
क्या कहें अब फ़र्क तो है ही ...,

तुम 'बस मेरे' हो , 'तुम बस' मेरे हो ...,
ज़रा सा ही सही मगर ... फ़र्क तो है ही ...!!

-


24 JUL 2020 AT 14:16

सर्द में आफ़्ताब की रोशनी सा ये इश्क़...!

मीलों का फ़ासला तो है मगर अक्सर
दो ज़मीरों को सुकून का ठिकाना मिल जाता है...!!

-


16 JUL 2020 AT 15:59

सुनो...!

सालों पहले जो नज़्में अधूरी रह गयीं थीं
चलो उन्हें यूँ अधूरी ही रहने देते हैं...,

बस तुम आ जाना महफ़िल ए शब में
कि शहर में चर्चे हैं हमारे , लोगों को कहते सुना
मैं और तुम साथ में नज़्म ही लगते हैं...!!

-


15 JUL 2020 AT 18:04

कहा जो तूने अलविदा ये लफ़्ज़ ठहर गये...,
बदल जो दिया तूने पता हम गुम से हो गये...!

हिस्से जो थे कभी वो जज़्बात ए दिल के...,
हाँ...तेरे ही नाम के थे वो ख़त...!
वक्त के पन्नों पर फक़त किस्से ही रह गये...!!

-


9 JUL 2020 AT 18:11

" ... पता नहीं ... ,
... शायद , कुछ नहीं... ,
... चलो ठीक है ,
... अलविदा !! "

हाँ..., यही वो कुछ लफ़्ज़ थे...,
जो दो रूह के दरमियाँ...
मीलों के फ़ासले को अंजाम दे गये...!!

-


Fetching Shaktimayee Tandi Quotes