Shaesta Qamar   (SQ_writes)
547 Followers · 131 Following

DOB 06july
Joined 26 December 2020


DOB 06july
Joined 26 December 2020
21 APR AT 21:33

Har Haal Mai Saath Nibhane Ke Liye Zindagi Tera Shukriya
Dogle Logon Ka Asl Chehra Dikhane Ke Liya Zindagi Tera Shukriya

हर हाल में साथ निभाने के लिए जिंदगी तेरा शुक्रिया
दोगले लोगों का असल चेहरा दिखाने के लिए जिंदगी तेरा शुक्रिया

-


20 APR AT 14:49

Bade zehrili hoti hai teri khamushi ke jawab bhi "shaesta"
Na-jane Teri kahi Hue Alfaaz kitni Zehrile Hogi

बड़े ज़हरीली होती है तेरी ख़ामोशी के जवाब‌ भी "शाइस्ता"
न-जाने तेरी कही हुई अल्फ़ाज़ कितनी ज़हरीले होगी

-


18 APR AT 16:50

Paid Content

-


15 APR AT 22:39

Tere Dil Ke Darvaaze Pe Ham Aayenge Hanste Muskurate Huye
Tum Bhi Aana Mere Dil Ke Darvaaze Pe Khair Manate Huye

तेरे दिल के दरवाज़े पे हम आएंगे हंसते मुस्कुराते हुए
तुम भी आना मेरे दिल के दरवाज़े पे ख़ैर मनाते हुए

-


6 MAR AT 19:55

बचपन से निकल कर लड़के को ज़िम्मेदारी लेनी होती है
लहू पसीना बहाकर घर को अपनी जवानी देनी होती है

इस ज़माना को न-जाने मर्दो की कुर्बानी क्यों नहीं दिखती
उन्हें सिर्फ अपनी ज़िम्मेदारी क्यूं दिखती हैं

-


4 MAR AT 22:01

Kis Se Karen Ab Ham Halat-e-Dil Bayaan
Allah Ke Sivaa Iss Jahaan Mai Apna Koi Nahi

किस से करें अब हम हालात-ए-दिल बयान
अल्लाह के सिवा इस जहां में अपना कोई नहीं

-


3 MAR AT 10:06

Gam Ke Halaat.on Se Ladd Kar Mar Chuki Hun
Aay Khuda Ab Tu H.i bata Kaise jiya Jaye

ग़म के हालातों से लड़ कर मर चुकी हूँ
ऐ ख़ुदा अब तू ही बता कैसे जिया जाए

-


1 MAR AT 22:09

ये जो कहते हैं तुम्हारा दिल इतना तर-ओ-ताजा कैसे हैं
ये नहीं जानते कि मैंने इसको अपनी आंसुओं से सींचा हैं

आज दिन भर रोती रही में चेहरा धुल गया‌ आंसुओं से
हम जिस कि खातिर रोते रहते हैं उसे ख़बर भी नहीं

-


29 FEB AT 18:10

अफ़साना (कहानी)
Story (قصہ)

-


23 FEB AT 21:50

तुम कौन हो इतना नहीं जानती हूँ मैं
पर दिल से अपना अब तुम्हें मानती हूँ मैं

करने लगी हूँ बात तुमसे दिल ओ जान से
आदत को भी तुम्हारी पहचानती हूँ मैं

है नेक किरदार आपका हो आप लाजवाब
इस लिए ही आपको अब मानती हूँ मैं

Yellow & White आपको ख़ूब पसंद है
आपकी हर एक पसंद को पहचानती हूँ मैं

तुम शाद रहो,आबाद रहो, हमेशा मेरी बहन
ख़ुदा-वंद-ए-करीम से बस यही मांगती हूँ मैं

-


Fetching Shaesta Qamar Quotes