Qissay meri ulfat ke jo marqoom hain saare. Aa dekh tere naam ke mosoom hain saare.Shayed yeh zarf hai jo khamosh hun ab tak.Warna to tere aib bhi maloom hain saare. -
Qissay meri ulfat ke jo marqoom hain saare. Aa dekh tere naam ke mosoom hain saare.Shayed yeh zarf hai jo khamosh hun ab tak.Warna to tere aib bhi maloom hain saare.
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नक़्शा उठा के कोई नया शहर ढूंढिए इस शहर में तो सब से मुलाक़ात हो गई.... -
नक़्शा उठा के कोई नया शहर ढूंढिए इस शहर में तो सब से मुलाक़ात हो गई....
वाक़िफ ही ना था रम्ज़-ए-मोहब्बत से वो वरना दिल के लिए थोड़ी सी इनायत ही बहुत थी -
वाक़िफ ही ना था रम्ज़-ए-मोहब्बत से वो वरना दिल के लिए थोड़ी सी इनायत ही बहुत थी
किसी और ही बात से उतरा है चेहरा साहब,और हम सबको बताते फिर रहें हैं तबीयत खराब है। -
किसी और ही बात से उतरा है चेहरा साहब,और हम सबको बताते फिर रहें हैं तबीयत खराब है।
सोचिए तो सबब नहीं मिलतादिल मगर उससे अब नहीं मिलता और दिल का झुकना बहुत जरुरी है सिर्फ सर झुकाने से रब नहीं मिलता -
सोचिए तो सबब नहीं मिलतादिल मगर उससे अब नहीं मिलता और दिल का झुकना बहुत जरुरी है सिर्फ सर झुकाने से रब नहीं मिलता
हैरान कर गया सभी को मुंसिफ का फैसला रिंद को सजा ना मिली काज़ी नशे में था -
हैरान कर गया सभी को मुंसिफ का फैसला रिंद को सजा ना मिली काज़ी नशे में था
उसी को खलने लगी रोशनी मेरे घर कीमेरे चराग़ से जिस के चराग़ जलते है -
उसी को खलने लगी रोशनी मेरे घर कीमेरे चराग़ से जिस के चराग़ जलते है
रखते ही बदन वो कुर्सी पर ;आसमां सर से हटा देते हैं !! -
रखते ही बदन वो कुर्सी पर ;आसमां सर से हटा देते हैं !!
ये औरत का करिश्मा है तिरी वहशत के पानी कोबदन के सीप में रखकर उसे इंसां बनाती है। -
ये औरत का करिश्मा है तिरी वहशत के पानी कोबदन के सीप में रखकर उसे इंसां बनाती है।
میرے گاؤں کی چوپالوں پر اکثر بیٹھے رہتے ہیں چائے کی اک پیالی پر اپنی رائے بدلنے والے لوگ मेरे गाँव की चौपालों पर अक्सर बैठे रहते हैं चाय की एक प्याली पे अपनी राय बदलने वाले लोग -
میرے گاؤں کی چوپالوں پر اکثر بیٹھے رہتے ہیں چائے کی اک پیالی پر اپنی رائے بدلنے والے لوگ मेरे गाँव की चौपालों पर अक्सर बैठे रहते हैं चाय की एक प्याली पे अपनी राय बदलने वाले लोग