shadab kamaal   (शायर शादाब कमाल)
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कुछ ऐंसे गिराती हैं फिकरें मुझे
जैसे किसी पेड़ से कोई साख गिरे
Joined 23 January 2020


कुछ ऐंसे गिराती हैं फिकरें मुझे
जैसे किसी पेड़ से कोई साख गिरे
Joined 23 January 2020
14 MAY 2023 AT 10:10

तेरे बाद एक भी दिन खुशी का आया नही है
ऐसा भी नहीं है के कुछ कमाया नही है

चमकती दुनिया बुलंदियों की ऊंचाई भी है
लेकिन अफसोस पास मां का साया नही है
शादाब कमाल


Miss u अम्मी 😭

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15 OCT 2022 AT 0:11

जो कहता है हरदम मेरे लिए मर जायेगा
वक़्त आने पर मुंह फेर के गुजर जाएगा

वो जो बड़े बड़े वादे करता है मोहब्बत के
किसी ने शख्ती से पूछा तो मुकर जाएगा

कहता है मुझे वो बर्बाद करके छोड़ेगा
बर्बाद इंसान को क्या बर्बाद कर जाएगा

मुझे यकीन है गले से आ लगे उस वक़्त
अना का नशा जिस दिन उतर जाएगा

परदेश रहके ढंगका लिबास न खरीद सका
ऐंसे में वो क्या इंसान अपने घर जाएगा

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15 JUL 2022 AT 14:13

परेशानी देने वाले कभी परेशानी से निकाला कर
मुद्दत से अंधेरे में हुँ कभी तो आके उजाला कर

नींद उड़ाई चहरे से चमक छिनी ये सब ठीक है
पर उसकी याद तू नमाज में खलल न डाला कर
✍️शादाब कमाल

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20 MAY 2022 AT 7:53

ज़िन्दगी आसानी से किसी को सुहुलत नही देती
गिर जाओ तो फिर उठने का मौका कुदरत नही देती

एक ऐसी महबूबा से है चंद साल से वास्ता हमारा
जो तोहफे में घड़ी तो देती है पर वक़्त नही देती
✍️शादाब कमाल





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24 APR 2022 AT 8:50

मेरा मयार मुस्तकबिल की मात देखता है
कोई बाबा ऐसा बताओ जो हात देखता है

आशिक महबूब को देख पागल हो जाते हैं
एक जमाना है इश्क में भी जात देखता है
✍️शादाब कमाल

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10 APR 2022 AT 11:51

जीतने के बाद हमे अपनी मात भी देखनी थी
रोशन सवेरे के बाद काली रात भी देखनी थी

हम तो बस उसे देखते रहे और जीते रहे
ये तो सोचा ही नही इश्क़ में जात भी देखनी थी
✍️शादाब कमाल

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6 APR 2022 AT 1:12

ऐसे मिले हैं जख्म के चारागर भी सिल नहीं सकता
लाख दे लो पानी मुरझाया फूल खिल नहीं सकता

कोई बताए क्या करे ऐसी दुख की घड़ी में शख्श वो
जिसका महबूब मोहब्बत करता है मिल नहीं सकता
✍️शादाब कमाल

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2 APR 2022 AT 0:43

दिखता है चहरे से तेरा होने से नही मुकर सकते
ऐसी कशमकश है न जी सकते नाहि मर सकते

सुनेगा कोई तो गिरने लगेगा मोहब्बत का म्यार
हम तो किसी से तेरा जिक्र भी नही कर सकते
✍️शादाब_कमाल

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31 MAR 2022 AT 1:45

अभी बस्ती हैं रोनके जंगल नही हो सकता में
चार आंसू बहाने से बादल नही हो सकता में

एक ही घर में मेरे साथ अभी माँ बाप रहते हैं
फ़क़त तेरी जुदाई से पागल नही हो सकता में
✍️शादाब_कमाल

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14 MAR 2022 AT 10:52

जिससे जितना हो सके सारी ताकत झोकता है
तब कहीं जाकर प्यार में दीवाना खुद को रोकता है

इश्क में हकीम हो मौलवी के यार हो सब बेकार है
आँसुओं का सबब बनने वाला ही आंसू पोछता है
✍️शादाब कमाल

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