तेरे बाद एक भी दिन खुशी का आया नही हैऐसा भी नहीं है के कुछ कमाया नही हैचमकती दुनिया बुलंदियों की ऊंचाई भी हैलेकिन अफसोस पास मां का साया नही है शादाब कमाल Miss u अम्मी 😭 -
तेरे बाद एक भी दिन खुशी का आया नही हैऐसा भी नहीं है के कुछ कमाया नही हैचमकती दुनिया बुलंदियों की ऊंचाई भी हैलेकिन अफसोस पास मां का साया नही है शादाब कमाल Miss u अम्मी 😭
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जो कहता है हरदम मेरे लिए मर जायेगा वक़्त आने पर मुंह फेर के गुजर जाएगावो जो बड़े बड़े वादे करता है मोहब्बत के किसी ने शख्ती से पूछा तो मुकर जाएगा कहता है मुझे वो बर्बाद करके छोड़ेगा बर्बाद इंसान को क्या बर्बाद कर जाएगा मुझे यकीन है गले से आ लगे उस वक़्त अना का नशा जिस दिन उतर जाएगा परदेश रहके ढंगका लिबास न खरीद सका ऐंसे में वो क्या इंसान अपने घर जाएगा -
जो कहता है हरदम मेरे लिए मर जायेगा वक़्त आने पर मुंह फेर के गुजर जाएगावो जो बड़े बड़े वादे करता है मोहब्बत के किसी ने शख्ती से पूछा तो मुकर जाएगा कहता है मुझे वो बर्बाद करके छोड़ेगा बर्बाद इंसान को क्या बर्बाद कर जाएगा मुझे यकीन है गले से आ लगे उस वक़्त अना का नशा जिस दिन उतर जाएगा परदेश रहके ढंगका लिबास न खरीद सका ऐंसे में वो क्या इंसान अपने घर जाएगा
परेशानी देने वाले कभी परेशानी से निकाला कर मुद्दत से अंधेरे में हुँ कभी तो आके उजाला कर नींद उड़ाई चहरे से चमक छिनी ये सब ठीक हैपर उसकी याद तू नमाज में खलल न डाला कर ✍️शादाब कमाल -
परेशानी देने वाले कभी परेशानी से निकाला कर मुद्दत से अंधेरे में हुँ कभी तो आके उजाला कर नींद उड़ाई चहरे से चमक छिनी ये सब ठीक हैपर उसकी याद तू नमाज में खलल न डाला कर ✍️शादाब कमाल
ज़िन्दगी आसानी से किसी को सुहुलत नही देती गिर जाओ तो फिर उठने का मौका कुदरत नही देती एक ऐसी महबूबा से है चंद साल से वास्ता हमाराजो तोहफे में घड़ी तो देती है पर वक़्त नही देती ✍️शादाब कमाल -
ज़िन्दगी आसानी से किसी को सुहुलत नही देती गिर जाओ तो फिर उठने का मौका कुदरत नही देती एक ऐसी महबूबा से है चंद साल से वास्ता हमाराजो तोहफे में घड़ी तो देती है पर वक़्त नही देती ✍️शादाब कमाल
मेरा मयार मुस्तकबिल की मात देखता है कोई बाबा ऐसा बताओ जो हात देखता है आशिक महबूब को देख पागल हो जाते हैंएक जमाना है इश्क में भी जात देखता है ✍️शादाब कमाल -
मेरा मयार मुस्तकबिल की मात देखता है कोई बाबा ऐसा बताओ जो हात देखता है आशिक महबूब को देख पागल हो जाते हैंएक जमाना है इश्क में भी जात देखता है ✍️शादाब कमाल
जीतने के बाद हमे अपनी मात भी देखनी थी रोशन सवेरे के बाद काली रात भी देखनी थी हम तो बस उसे देखते रहे और जीते रहे ये तो सोचा ही नही इश्क़ में जात भी देखनी थी ✍️शादाब कमाल -
जीतने के बाद हमे अपनी मात भी देखनी थी रोशन सवेरे के बाद काली रात भी देखनी थी हम तो बस उसे देखते रहे और जीते रहे ये तो सोचा ही नही इश्क़ में जात भी देखनी थी ✍️शादाब कमाल
ऐसे मिले हैं जख्म के चारागर भी सिल नहीं सकतालाख दे लो पानी मुरझाया फूल खिल नहीं सकताकोई बताए क्या करे ऐसी दुख की घड़ी में शख्श वो जिसका महबूब मोहब्बत करता है मिल नहीं सकता ✍️शादाब कमाल -
ऐसे मिले हैं जख्म के चारागर भी सिल नहीं सकतालाख दे लो पानी मुरझाया फूल खिल नहीं सकताकोई बताए क्या करे ऐसी दुख की घड़ी में शख्श वो जिसका महबूब मोहब्बत करता है मिल नहीं सकता ✍️शादाब कमाल
दिखता है चहरे से तेरा होने से नही मुकर सकते ऐसी कशमकश है न जी सकते नाहि मर सकते सुनेगा कोई तो गिरने लगेगा मोहब्बत का म्यार हम तो किसी से तेरा जिक्र भी नही कर सकते ✍️शादाब_कमाल -
दिखता है चहरे से तेरा होने से नही मुकर सकते ऐसी कशमकश है न जी सकते नाहि मर सकते सुनेगा कोई तो गिरने लगेगा मोहब्बत का म्यार हम तो किसी से तेरा जिक्र भी नही कर सकते ✍️शादाब_कमाल
अभी बस्ती हैं रोनके जंगल नही हो सकता में चार आंसू बहाने से बादल नही हो सकता में एक ही घर में मेरे साथ अभी माँ बाप रहते हैं फ़क़त तेरी जुदाई से पागल नही हो सकता में ✍️शादाब_कमाल -
अभी बस्ती हैं रोनके जंगल नही हो सकता में चार आंसू बहाने से बादल नही हो सकता में एक ही घर में मेरे साथ अभी माँ बाप रहते हैं फ़क़त तेरी जुदाई से पागल नही हो सकता में ✍️शादाब_कमाल
जिससे जितना हो सके सारी ताकत झोकता हैतब कहीं जाकर प्यार में दीवाना खुद को रोकता हैइश्क में हकीम हो मौलवी के यार हो सब बेकार है आँसुओं का सबब बनने वाला ही आंसू पोछता है ✍️शादाब कमाल -
जिससे जितना हो सके सारी ताकत झोकता हैतब कहीं जाकर प्यार में दीवाना खुद को रोकता हैइश्क में हकीम हो मौलवी के यार हो सब बेकार है आँसुओं का सबब बनने वाला ही आंसू पोछता है ✍️शादाब कमाल