मैं कभी भी
तुम्हारे आजादी के खिलाफ नहीं हूं
न ही कभी भी तुम्हे पहनने,
बोलने या अन्य किसी बात के लिए मना किया है।
पर मुझे भी कुछ हक है
तुमसे इश्क करने,नाराज होने
या अन्य किसी को लेकर जलन करने का।
तुम्हारे साथ जीने मरने
घर बसाने,बच्चों के नाम सोचने
या अन्य किसी जगह घूमने जाने का।
मैंने खुद को सिर्फ तुम्हारा माना
तो मुझे हक है तुम्हारी तस्वीर रखने
उसे निहारने, चूमने और दिन रात देखने का।
अब तुम बताओ
क्या इतना भी हक नही है मेरा??
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