सुन देवरानी रात की बात बताई,
कैसे किया देवर राजा थोड़ी हमें बतलाई।
रात को बंद कर कमरा, यह पास में आय।
बाहों में जकड़ कर मोहे, करीब अपने लाय।
तेज़ चली सासें मेरी, पिया का मूड बनाया।
नीचे से हो रही थी गीली, भाभी समझ कुछ न आया।
लेकर गया पलंग पर मुझे, सब कपड़े दिया उतार।
शर्म से लाल लाल हुई, चड्डी भी दीयों उतार।
खुद के खोल कर कपड़े, हाथों में दिया रॉड थामा।
मुंह में ना लूं गन्ना, सुन रूठकर बैठा यार।
धीरे धीरे खोलकर मुंह, चूस लिया गन्ना।
टांगे खोलकर मेरी भाभी, डाल दिया अपना गंडा।
रात भर लगा रहा, पूछा ना मेरा हाल।
चला ना जाए अब मोहे, फाड़ दिया मेरो यार।
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