Saurav Gupta   (~TheLucidWords~)
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"Give me a pen and I will give you a memory."
Learner writer poet in-sane
Joined 10 June 2017


"Give me a pen and I will give you a memory."
Learner writer poet in-sane
Joined 10 June 2017
5 AUG 2023 AT 12:23

~पतंग~

तू पतंग किसी और की,
में बंधी किसी और डोर से।
ख्वाब बस यही आता है मन में,
की टकरा जाऊं तुझ से किसी मोड़ पे।
बन फतिंगा ही सही,
मिल तो सकू तुझ से करीब से।
फस तेरी डोर से, सुलझा सकू सवाल कई
क्यों न मिला तू मुझे, क्या रह गई कमी मेरी उड़ान पे।
तू हो गई पतंग किसी और की,
और में बंध गई किसी और डोर से।।

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19 JAN 2023 AT 21:15

We avoid eyes contact
avoid the touch.
smile with closed lips
but talk with no huss.
mystery is all around it
and I am totally stuck.

So, tell me!
It's a shy or a yes?
Like a zing with no fuzz.

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30 MAY 2022 AT 23:29

~परिंदा~

मैं एक मासूम परिंदा हूं
आसमान की ऊंचाइयों से ऊंचा उठ,
इन हवाओं में तैरना चाहता हूं।
बेफिक्र झरनों की तरह ख्वाबों
को उछल छूना चाहता हूं।
पर हार सा गया हूं मैं,
अब बस ठहरना चाहता हूं।
मैं एक सहमा सा परिंदा हूं
इन काले अंधेरों से छुप
सुनहरी रोशनी में सिमट लेना चाहता हूं।
बागों के फूलों की तरह,
बैठ मुस्कुराना चाहता हूं।
मैं एक छोटा सा परिंदा हूं,
कभी कभी थक भी जाता हूं।
इस धुएं की चादर से बच
उड़ना दूर सही पर जीना तो चाहता हूं।
मैं एक मासूम परिंदा हूं
अब बस जीना चाहता हूं।।

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12 MAY 2020 AT 12:34

जिस्म से मजबूत ना सही, पर दिल में दम रखते हैं,
ईमान बहुत बड़ा है अपना, और ख्वाहिशें कम रखते हैं।

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21 FEB 2020 AT 0:06

तुझसे खिल तुझमें ही मिल जाना हैं,
एक फूल बागीचें का बोला मिट्टी से,
आज मौसम बड़ा सुहाना हैं।

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13 FEB 2020 AT 23:17

show the love
show the care
show something
which make you dear!

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10 FEB 2020 AT 0:49

नहीं।



हाँ।

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10 FEB 2020 AT 0:41

कभी चढता हुआ, तो कभी ढलता,
मानो तो, सब समय का नज़रिया।

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9 FEB 2020 AT 23:56

Opaque!

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1 FEB 2020 AT 23:51

गुटका खाने वालो का,
मुस्कुराना भी हानिकारक है।

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