_दहेज़_
खामोश क्यों है लोग सारे,
क्या सो रहा सारा जहां?
क्यों रिश्ते जुड़ने को समझौते हैं ऐसे,
क्या साथ चलने को बस समझौते थे पैसे ?
क्या दिल ने बांधी ऐसी डोर? या हम खोए हैं इन शोरों में..
वक्त लगें हैं उठने को, फिर हम बिक रहे किस की जोरों में?
क्या बाहुबल से कमजोर तु, या पैरें तेरी बंधी है?
वो साथ तेरे खड़ी है फिर किस चीज की कमी है?
खामोश क्यों है लोग सारे,
क्या सो रहा सारा जहां?
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