आज यूं ही सोचते सोचते अपने में ही गुम कहां से चली थी कहां पहुंच गई। वो दिन याद आया जब
तुम से पहली बार मिली थी हमेशा की तरह सोचा
मिली ही क्यों थी।न मिलती तो जिंदगी में सूकून रहता
अपने छले जाने में आंखें न छलछलाती लेकिन
न मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहां जाते
अगर दुनिया चमन होती तो विराने कहां जाते
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