तुम कब तक, मुझे अपने पिता के नजरों में गिराओगे, तुम्हें मालूम नहीं, मेरा, खुदा के साथ नजर गहरा हैं, उसके सामने तुम खुद गिर जाओगे, अंजाम बहुत बुरा होगा.... तुम कब तक, मुझे गिराओगे॥
चाहे जैसा भी बीत रहा हो सालों-साल मेरा, पर दिसंबर की चौथी तारीख को, भगवान् ने साबित कर ही दिया, तुम्हारी पूजा-अर्चना से हम संतुष्ट हैं... अलविदा 2021... तुम याद रहोगे जहन में हमेशा॥