Sanyogita Chauhan   (Chanchal✍️)
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Joined 29 January 2019


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Joined 29 January 2019
14 FEB 2023 AT 15:58

कुछ ऐसे भी रिश्ते होते हैं,
जो बनते है,
संवेदनाओं से ;
सामाजिक भाषा में,
इनके नाम नही होते
भावों को व्यक्त न कर
पाने के कारण ;

मगर इनमें भरपूर होती है,
हर खूबसूरत भावना ;
हम निभाते हैं इन्हें
बिना किसी स्वार्थ के,
बस यही भावनाएं इन रिश्तों
की नींव होती हैं...

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12 FEB 2023 AT 12:12

ए स्त्री,
तुम खूबसूरत हो,
न केवल काया से,
मन से,
आत्मा से,
व्यक्तित्व से भी,
तुम रोज न जाने कितने हालातों से
गुजरकर भी साबुत निकल आती हो,
आग में तपे हुए सोने की तरह ;
तुम टूटकर भी जाने कितनों की उम्मीद बन जाती हो,
एक तारे की तरह ;
अपने अस्तित्व से अलग होकर
किसी का जीवन सजाती हो,
फूलों की तरह ;

'तुम बहादुर हो'

तुम इसलिए कुछ ज्यादा खूबसूरत हो...

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7 APR 2022 AT 8:38


कुछ रिश्तों के नाम नही
होते,
भावों को व्यक्त न कर
पाने के कारण ;
ये बस बन जाते है !
मगर होता है इन रिश्तों
में भी
प्यार, सम्मान और
संवेदना भी,
बस यही भाव इन रिश्तों
की खूबसूरती है...

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11 FEB 2022 AT 10:11

अरे
सुनो न,
खत्म न करना
तुम अपनी जिम्मेदारी सिर्फ,
थमाकर कुछ तोहफे हाथ में ;

चिड़िया हूं मैं,
मुझे चाहत है,
पूरे आसमान की ;
संग तेरे पिया,
उड़ना है मुझे...

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13 MAR 2019 AT 17:53

हूँ उस सूर्य का अंश मैं,,,
जो चल रहा निरंतर,
कितने ही युगों से युगों तक
चलना है मुझे कुछ यूँ ही,
क्योंकि,
हूँ उस सूर्य का अंश मैं,
जो है ऊष्मा का श्रोत,
औ, जल रहा दूसरों की रोशनी के लिए
जलना है मुझे भी कुछ यूँ ही,
अपनों के लिए क्योंकि ,
हूँ उस सूर्य का अंश मैं ...

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28 SEP 2021 AT 15:35

When my siso calls me "Didi".🤣

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20 JUN 2021 AT 8:55

महबूब का तो नहीं जानती,
मगर पापा अपनी बेटियों के लिए
हर हालात में तारे जमीन पर सजा सकते है
खाई होंगी कसम लाखों मजनुओं ने,
पापा सच में जन्नत को भी जमीन पर ला सकते है...

There are no word to describe your love and sacrifice for us
All I can say is,
"खुदा की रहमत हो तुम हमारे लिए ।"

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19 MAY 2021 AT 8:02

मैं पल रहा जिस साये के तले,
प्रतिदिन, प्रतिपल, निरंतर जो चले ;
है उस सूर्य का अंश मुझमें भी...
जगत का अस्तित्व ही जिस प्रकाश से बना,
मेरा भी तो उजाला कहीं मुझमें ही छुपा,
तमस में अपना वजूद क्यूं छुपाऊं ;
क्योंकि,
है उस सूर्य का अंश मुझमें भी...

जो चल रहा निरंतर,
कितने ही युगों से युगों तक,
न रुका न थका कभी ;
चलना है मुझे भी कुछ इस तरह
क्योंकि,
है उस सूर्य का अंश मुझमें भी...

जो है ऊष्मा का श्रोत,
औ, जल रहा दूसरों की रोशनी के लिए,
जलना है मुझे भी कुछ इस तरह अपनों के लिए ; क्योंकि,
है उस सूर्य का अंश मुझमें भी...

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25 DEC 2020 AT 13:28

हां सारे सपने पूरे होते हैं,
अगर सपना पूरा होने का भरोसा हो मन में,
और उसे पूरा करने का होंसला हो जीवन में ;

सपने पूरे होते हैं,
यदि सच्चाई हो हमारी नियत में,उस सपने के प्रति
कि लड़ जाएंगे हम, आएं राहों में मुश्किलें यदि ;

सपने पूरे होते हैं,
जब सपने को पूरा करने की खातिर सोना छोड़ दें,
और कोशिशें हमारी इतनी रहें कि हर हदें तोड़ दें
हां, सारे सपने पूरे होते हैं...

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17 NOV 2020 AT 18:24

मंजिल के करीब पहुंचने के लिए,
कदम आगे बढ़ाने पड़ते है ;

ख्वाबों को बड़ी उड़ान देने के लिए,
अपने पंख फैलाने पड़ते है ;

चाहते हो जो खुद से, मिलेगा भी वही,
बस ख्वाहिशों को, अपने अंदाज दिखाने पड़ते है...

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