हा हम भी कभी मिट जाएंगे
इस आबादी कि जंगल में,
बस कुछ और वक्त बचे हैं
चलो इसे ही जी भर के जी लेते है ।
लोग आते हैं, जाते हैं
पर उनको याद कोन कितना ही रखते हैं,
हा हम भी आए थे, एक दिन चले भी जाएंगे
पर याद रखने वाले कोई ना रहेंगे ।
एक दिन हम भी चले जाएंगे
आप ही के तरह इस दुनिया से मिट जाएंगे,
आयेंगे हजारों हमारे बाद भी
पर कोई दुजा 'हम' ना बन पाएंगे ।
हजारों रंगो की उत्सव आज भी होते है
और कल भी होंगे,
हम रहे या ना रहे इससे किसीको
क्या ही फर्क परेंगे ।
जी लो अपनी ज़िन्दगी अपनी तरह से
क्युकी तुम रहो या ना रहो
इससे किसीको क्या ही फर्क परेंगे ।
हम भी आए थे, और चले भी जाएंगे,
हा, हम भी एक दिन इस आबादी कि
जंगल में मिट जाएंगे।
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