साईं! क्या अच्छा-बुरा सब आप ही जानते हैं,
हर भक्त के मन की बात, आप ही समझते हैं।
सब आपकी मर्ज़ी से होता जो भी घटता यहाँ,
हर बला, हर मुश्किल से बचाते, यह मानते हैं।
आपसे ज़्यादा सही-ग़लत की पहचान है नहीं,
आप दिखायेंगे राह हम यही मान के चलते हैं।
आज के बुरे हालात, कल अच्छे ज़रूर लगेंगे,
आपके वचन झूठे नहीं जीना उनसे सीखते हैं।
राम-श्याम शिव-शक्ति सब उन्हीं के रूप 'धुन',
साईं-चरणों में हम जीवन का उद्धार देखते हैं।
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