ये ऑंखे बेचैन हैं तुम्हारे दीदार के, शायद हमारे इश्क को चैन मंजूर नहीं... -
ये ऑंखे बेचैन हैं तुम्हारे दीदार के, शायद हमारे इश्क को चैन मंजूर नहीं...
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कहना बहुत था,लेकिन लफ्ज़ जुटा नहीं पाया, अधूरे अफसाने का ये मेहफ़िल मजाक जो उड़ाती हैं... -
कहना बहुत था,लेकिन लफ्ज़ जुटा नहीं पाया, अधूरे अफसाने का ये मेहफ़िल मजाक जो उड़ाती हैं...
शायद अब मोहब्बत का एहसास नहीं, याद तो आती हैं, लेकिन आँखें नम नहीं होती... -
शायद अब मोहब्बत का एहसास नहीं, याद तो आती हैं, लेकिन आँखें नम नहीं होती...
ना हटाना पर्दा तुम्हारे चेहरे से साकी, हटा दिया तो मेहफ़िल में कयामत होगी... -
ना हटाना पर्दा तुम्हारे चेहरे से साकी, हटा दिया तो मेहफ़िल में कयामत होगी...
अरसो से एक ही अफसाना सुना रहा हूँ,यादों को लफ़्जो में पिरोकर सुना रहा हूँ... -
अरसो से एक ही अफसाना सुना रहा हूँ,यादों को लफ़्जो में पिरोकर सुना रहा हूँ...
हसीं हैं हवा और हसीं हैं तेरा खयाल भी, आजा, तुम्हें मोहब्बत का रिवाज़ सिखा दूँ... -
हसीं हैं हवा और हसीं हैं तेरा खयाल भी, आजा, तुम्हें मोहब्बत का रिवाज़ सिखा दूँ...
मोहब्बत का शहर था, हर गली मोहब्बत की थी, ना जाने यहाँ , बेवफ़ाओ की भीड़ कैसे हो गयी -
मोहब्बत का शहर था, हर गली मोहब्बत की थी, ना जाने यहाँ , बेवफ़ाओ की भीड़ कैसे हो गयी
हकीकत होतीं तो तलाशना पड़ता,हमारे इश्क़ की अफ़वा तो हवा में घुल गयी... -
हकीकत होतीं तो तलाशना पड़ता,हमारे इश्क़ की अफ़वा तो हवा में घुल गयी...
ये इश्क़ का भी अजीब सलीका है, कभी अपनाता नहीं, और, कभी किसीका होने देता नहीं... -
ये इश्क़ का भी अजीब सलीका है, कभी अपनाता नहीं, और, कभी किसीका होने देता नहीं...
तुम्हारी आहटों का तलबगार हूँ कुछ इस कदर, याद आने से बेहतर है तुम ही आ जाओ... -
तुम्हारी आहटों का तलबगार हूँ कुछ इस कदर, याद आने से बेहतर है तुम ही आ जाओ...