Sanad Khan   (अमानत~)
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Joined 12 December 2018


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Joined 12 December 2018
19 JUL 2022 AT 10:04

दिल और जान आज सब ख़त्म
करके आयीं हूँ ,
इसका मतलब आज
मैं तुझसे मोहब्बत करना छोड़ आयीं हूँ।

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27 JUN 2022 AT 13:24

तुम मुझे भुला दोगे,

क्योंकि याद रखने जैसे मुझमें कुछ नहीं
और ना ही मैंने ऐसी यादें दी तुम्हें
जिसे याद कर तुम मुस्करा सको,
मैं किसी पतझड़ के मौसम सी
जिसे तुम बस भूल जाना चाहोगे वसंत के लिए।।
~अमानत ~

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26 JUN 2022 AT 22:15

जैसे अकेले पन मे साया साथ है

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26 JUN 2022 AT 14:54

माना के वक़्त सता रहा है ,

मगर बहुत कुछ सीखा रहा है •••।।❤
~अमानत ~

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1 JUN 2022 AT 21:27

ये जून की तड़कती गर्मी
वो तेरे चेहरे से फिसलता पसीना
मुझे ठंडी ओस कि बूंदो का
एहसास दिलाता हैं ।।

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1 JUN 2022 AT 8:55

कुछ बूंदें गिरने को मॉनसून समझने की कोशिश न करें।

भगवान ने अभी तवे पर पानी छिड़का है,

अब हम सबका डोसा बनेगा।

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1 JUN 2022 AT 8:47

अकेले खुश रहना आसान होता है ।
But किसी को खुश रखना
बहुत मुश्किल होता है ।

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31 MAY 2022 AT 11:24

तुझसे शुरू और तुझ पर ख़त्म ,
या रब बस इतना ही काफी है
मेरे जीने के लिए ।।
🤲

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31 MAY 2022 AT 11:08

बस तू चाहिए
और कोई नहीं ❤

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30 MAY 2022 AT 21:41

मौत की आगोश मे जाना चाहता हूँ।

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