यकीनन हमारा अतीत बहुत बेमिसाल था, पर जो बीत गया वो बस एक ख्याल था । -
यकीनन हमारा अतीत बहुत बेमिसाल था, पर जो बीत गया वो बस एक ख्याल था ।
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रिश्ते ही नहीं बदले, वो नज़रे भी बदल गई,जिन नजरों ने हमेशा मुझे नज़र बक्श रखा है । -
रिश्ते ही नहीं बदले, वो नज़रे भी बदल गई,जिन नजरों ने हमेशा मुझे नज़र बक्श रखा है ।
उनकी कोशिश यही रहती थी की,हम उन्हे देख मुस्कराए और वो मोहबत्ते इल्जाम हम पर लगाए। -
उनकी कोशिश यही रहती थी की,हम उन्हे देख मुस्कराए और वो मोहबत्ते इल्जाम हम पर लगाए।
तुम्हे बस मेरी रुसवाई नज़र आईअपनी दी चोट की गहराई नहीं। -
तुम्हे बस मेरी रुसवाई नज़र आईअपनी दी चोट की गहराई नहीं।
वो कहते हैं कम मुस्कुराया करो, नजरें ठीक नहीं है जमाने की,मैंने उनसे नजरें मिलाते हुए कहा मुझे तो आदत है सीने पर सांप खिलाने की। -
वो कहते हैं कम मुस्कुराया करो, नजरें ठीक नहीं है जमाने की,मैंने उनसे नजरें मिलाते हुए कहा मुझे तो आदत है सीने पर सांप खिलाने की।
कभी-कभी मन इतना बैरागी हो जाता है की लगता है सब छोड़ दूं,फिर तेरा ख्याल आता है तो लगता है तुझसे किए वादे कैसे तोड़ दूं ? -
कभी-कभी मन इतना बैरागी हो जाता है की लगता है सब छोड़ दूं,फिर तेरा ख्याल आता है तो लगता है तुझसे किए वादे कैसे तोड़ दूं ?
मोहबत नहीं थी वो यारों, एक फरेबी जाल था,पर जो भी कहो, मेरे यार ने बुना बेमिसाल था। -
मोहबत नहीं थी वो यारों, एक फरेबी जाल था,पर जो भी कहो, मेरे यार ने बुना बेमिसाल था।
Sometimes I really feel alone,Sometimes I really miss home. -
Sometimes I really feel alone,Sometimes I really miss home.
बहुत जी चुकी इन झूठे लम्हों में,अब तेरी बाहों में खुल के रोना चाहती हूंबहुत रातें जग चुकी झूठे ख्वाबों में,सफेद चादर ओढ़े मिट्टी में सोना चाहती हूं। -
बहुत जी चुकी इन झूठे लम्हों में,अब तेरी बाहों में खुल के रोना चाहती हूंबहुत रातें जग चुकी झूठे ख्वाबों में,सफेद चादर ओढ़े मिट्टी में सोना चाहती हूं।
इस जहां के दस्तूर कुछ इस तरह अलग है,यहां इश्क़ छुपा कर किया जाता है,और फरेब बता कर किया जाता है । -
इस जहां के दस्तूर कुछ इस तरह अलग है,यहां इश्क़ छुपा कर किया जाता है,और फरेब बता कर किया जाता है ।