Sagar Madaan   (खाकसार)
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Without fear,without hate
Sabhi se pyaar karte rho
"सिर जाए तां जाए,सिदक नहीं जा सकदी"
Joined 30 September 2017


Without fear,without hate
Sabhi se pyaar karte rho
"सिर जाए तां जाए,सिदक नहीं जा सकदी"
Joined 30 September 2017
20 APR AT 10:48

मित्रता न ओधा देखती है,न वर्ण।
मित्रता विचार देखती है व कर्म।।

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12 APR AT 15:12

शास्त्र कहते हैं की माता पिता का कर्तव्य है की अपनी औलाद को देवता बनाएं।
क्योंकि आपकी संतान पर केवल आपका अधिकार नहीं बल्कि वो समाज के लिए भी है, प्रकृति के लिए भी है,राष्ट्र के लिए भी है बल्कि वो पूरी सृष्टि के लिए है,इसीलिए उसे अच्छे संस्कार दें न की स्वयं के स्वार्थ के लिए एक चालाक व्यक्तित्व का निर्माण करें, क्योंकि जैसा बीज आज बो रहे हो कल को उसका कर्मफल निश्चित रूप से आपको और आपकी कुल को भोगना पड़ेगा।

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16 MAR AT 19:18

आजकल के युग में माँ बाप और बच्चों के जीवन में दो पहलू देखने को ज़्यादा मिलते हैं
पहले माँ बाप अपने बच्चों की जरूरतें पूरी करने में संघर्ष करते हैं,
फ़िर बच्चे अपनी जरूरतें पूरी करने में।

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3 FEB AT 10:24

पत्थर को पूजने वाले केवल उसी में ईश्वर का एहसास करने की कोशिश करते हैं,
आकाश में ईश्वर को मानने वाले सिर्फ उसे ऊपर ही बैठा मानेंगे,
किताबों में उसे ढूंढने वाले केवल किताबों में ही उसे मानेंगे जबकि वो तो हर जगह और हर किसी में है।

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2 FEB AT 22:44

मैं उस राम का उपासक हूँ जो कंण कंण में है।
मैं उस राम का उपासक हूँ जिसके उपासक श्री राम हैं।
मैं उस राम का उपासक हूँ जिसे गुरु गोबिंद वाहेगुरु कहते हैं।
मैं उस राम का उपासक हूँ जिसकी पैगम्बर नमाज करते हैं।
मैं उस राम का उपासक हूँ जिस ईश की संतान मसीह हैं।
मैं उस राम का उपासक हूँ जिसका ध्यान महावीर करते हैं।
मैं उस राम का उपासक हूँ जो एक होकर भी अनेक है।
मैं उस राम का उपासक हूँ जो आकार में भी है और निराकार भी है ।
मैं उस राम का उपासक हूँ जो देव रूप में भी है और देह रूप में भी है।
मैं उस राम का उपासक हूँ जो एक बार नहीं बल्कि बार बार धरती पर आता है और मेरे साथ रहता है।

"एकं ब्रह्म द्वितीय नास्ति "

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13 JAN AT 20:14

Wise people always seek the truth
no matter how hard it may be

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18 OCT 2023 AT 12:09

Saving money is my second priority
The first always
Humanity

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7 OCT 2023 AT 10:24

खुद में perfection ढूँढ रहा मनुष्य भ्रमित है।
खुद में कमियां ढूंढ रहा मनुष्य जागृत है।

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22 AUG 2023 AT 10:10

राजनीति से प्रेरित लोग जिम्मेदारी के पद को एक कुर्सी के रूप में देखते हैं जबकि मानवतावादी सेवा के रूप में।

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18 AUG 2023 AT 21:19

सरलता बना लेती है
सहसा मिटा देती है

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