होश भुला देना भी इक अंदाज़ है इश्क़ का,लिखावटों की बातें तो, महज़ बाते हैं। -
होश भुला देना भी इक अंदाज़ है इश्क़ का,लिखावटों की बातें तो, महज़ बाते हैं।
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उन्होंने कहा, महोब्बत है तुमसे कुछ बेहद सा कर जाने तक,मेरे सुर्ख लहु की आखिरी बूंद ने कहा,'मैं भी निभाऊंगी, मर जाने तक'! -
उन्होंने कहा, महोब्बत है तुमसे कुछ बेहद सा कर जाने तक,मेरे सुर्ख लहु की आखिरी बूंद ने कहा,'मैं भी निभाऊंगी, मर जाने तक'!
तुम भी मुझसे मोहब्बत करो, यह जरूरी तो नहीं,;यह इश्क़ है साहब! कोई मजबूरी तो नहीं! -
तुम भी मुझसे मोहब्बत करो, यह जरूरी तो नहीं,;यह इश्क़ है साहब! कोई मजबूरी तो नहीं!
रो रही हूं मैं, मगर, मुस्कुरा रही हूं मैं!यह क्या से क्या होती जा रही हूं मैं?!? -
रो रही हूं मैं, मगर, मुस्कुरा रही हूं मैं!यह क्या से क्या होती जा रही हूं मैं?!?
एक बार ही मार दीजिए अपनी निगाहों से, ऐ जालिम!यूं रोज़-रोज़ खुदकुशी, अब हमारे बस में नहीं! -
एक बार ही मार दीजिए अपनी निगाहों से, ऐ जालिम!यूं रोज़-रोज़ खुदकुशी, अब हमारे बस में नहीं!
इश्किया मरीजों को यूं न छेड़ा कीजिए, जनाब! यह भड़कते नहीं मगर तड़पते बहुत हैं। -
इश्किया मरीजों को यूं न छेड़ा कीजिए, जनाब! यह भड़कते नहीं मगर तड़पते बहुत हैं।
तुम्हें क्यों जानना है कि मेरा इश्क कौन है?बस यूं समझ लो कि मुझे होना ही शायर था। -
तुम्हें क्यों जानना है कि मेरा इश्क कौन है?बस यूं समझ लो कि मुझे होना ही शायर था।
तू अपने दीदार का समंदर भले ना बरसा,इक बूँद ही पिला दे, यूं तो न तरसा...! -
तू अपने दीदार का समंदर भले ना बरसा,इक बूँद ही पिला दे, यूं तो न तरसा...!
हजारों दिल कुर्बान हैं तुझपे,कुछ मुझ जैसे दीवाने भी रहे होंगे।सुन ज़रा मुझसे, ऐ कातिल! तेरे इंतज़ार में,मुर्दे भी कब्रों में जी रहे होंगे। -
हजारों दिल कुर्बान हैं तुझपे,कुछ मुझ जैसे दीवाने भी रहे होंगे।सुन ज़रा मुझसे, ऐ कातिल! तेरे इंतज़ार में,मुर्दे भी कब्रों में जी रहे होंगे।
ज़हानत बेच कर एक दिल खरीदा था,कम्बख्त निक्कमा निकला, लुट गया! -
ज़हानत बेच कर एक दिल खरीदा था,कम्बख्त निक्कमा निकला, लुट गया!