जो भी था अब तक, अंदर ही था,ख़ुद से लड़ लेते, ख़ुद ही समझ जाते,सबको बस एक सरल बिंब दिखा देते,पर अब तो तुमने उस लायक़ भी ना छोड़ा,,! -
जो भी था अब तक, अंदर ही था,ख़ुद से लड़ लेते, ख़ुद ही समझ जाते,सबको बस एक सरल बिंब दिखा देते,पर अब तो तुमने उस लायक़ भी ना छोड़ा,,!
-
They were made to socialise, gather, enjoy…But deep down they’re making you feel more lonely…Happy Festivals.! -
They were made to socialise, gather, enjoy…But deep down they’re making you feel more lonely…Happy Festivals.!
वो बार बार याद दिलाते हमको,के बस कर अब बहुत हो गया..सब कुछ पाने की चाह में,जानें कब हमने ख़ुद को ही खो दिया..। -
वो बार बार याद दिलाते हमको,के बस कर अब बहुत हो गया..सब कुछ पाने की चाह में,जानें कब हमने ख़ुद को ही खो दिया..।
त्योहारों पर लगता है के ये शरीर दो हो जायें..एक इस घर रह जाये एक उस घर हो आये…। -
त्योहारों पर लगता है के ये शरीर दो हो जायें..एक इस घर रह जाये एक उस घर हो आये…।
You don't realize when things change slowly & subtly,And when you realize, it's often too late...! -
You don't realize when things change slowly & subtly,And when you realize, it's often too late...!
गलतियां हमने भी की..गलतियां उनने भी की..कोशिशें हमसे भी रहीं..कोशिश उनसे भी रहीं..बस हम मानते चले गये..और वो टालते चले गये..। -
गलतियां हमने भी की..गलतियां उनने भी की..कोशिशें हमसे भी रहीं..कोशिश उनसे भी रहीं..बस हम मानते चले गये..और वो टालते चले गये..।
कभी कभी कोरे कागज़ भी,खुद को पढ़ने के लिए मजबूर कर देते हैं।जाने कितने लफ्ज़ छुपे होते हैं दर्द की तरह, जो बस नज़रो से दिखाई नही देते।। -
कभी कभी कोरे कागज़ भी,खुद को पढ़ने के लिए मजबूर कर देते हैं।जाने कितने लफ्ज़ छुपे होते हैं दर्द की तरह, जो बस नज़रो से दिखाई नही देते।।
Still watching the same film,Again,& Again,Hoping for a different climax... -
Still watching the same film,Again,& Again,Hoping for a different climax...
अपने मन की बात समझने में,कि अब हमसफर समझदार,और हम नासमझ हो गए। -
अपने मन की बात समझने में,कि अब हमसफर समझदार,और हम नासमझ हो गए।
एक नटखटी एहसास है,मानो समन्दर किनारे खड़े हैंदिल में तुम्हारी ही प्यास है। -
एक नटखटी एहसास है,मानो समन्दर किनारे खड़े हैंदिल में तुम्हारी ही प्यास है।