ख़ामोशी ही दिल की ज़ुबां बन जाती है कभी- कभी वरना यूं ही कभी दिल को दिल से राह न मिली होती -
ख़ामोशी ही दिल की ज़ुबां बन जाती है कभी- कभी वरना यूं ही कभी दिल को दिल से राह न मिली होती
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शोर- शराबे के इस दौर में कोई गुफ़्तगू ऐसी होखामोश रहे ये ज़ुबान, बस आँखें ही बोलती हों -
शोर- शराबे के इस दौर में कोई गुफ़्तगू ऐसी होखामोश रहे ये ज़ुबान, बस आँखें ही बोलती हों
आब-ए-रवाँ हुआ जाता है ये ख़्यालात का हुजूम तुम रोक लेते तो ज़िंदगी को ठहराव मिल जाता । -
आब-ए-रवाँ हुआ जाता है ये ख़्यालात का हुजूम तुम रोक लेते तो ज़िंदगी को ठहराव मिल जाता ।
खुश्बू से महकते इस शहर में फूलों की कोई बात नहीं करता अजीब है इंसान !चाहता है गुलशन पर हक जमाना लेकिन,उसको संवारना नहीं चाहता । -
खुश्बू से महकते इस शहर में फूलों की कोई बात नहीं करता अजीब है इंसान !चाहता है गुलशन पर हक जमाना लेकिन,उसको संवारना नहीं चाहता ।
तेरे ही बख़्शे हुए तो ये सारे हालात हैंस्वागत है ज़िंदगीतेरा भी इस महफ़िल में... -
तेरे ही बख़्शे हुए तो ये सारे हालात हैंस्वागत है ज़िंदगीतेरा भी इस महफ़िल में...
अलविदा मत कहो अभी से तुम अपने ख़्वाबों को, कौन जाने ; मंज़िल की जानिबफासला अब कुछ कदमों का हो -
अलविदा मत कहो अभी से तुम अपने ख़्वाबों को, कौन जाने ; मंज़िल की जानिबफासला अब कुछ कदमों का हो
औरों के हिस्से की सज़ा भी तुम ख़ुद को ही देते हो ख़ामोशी का लिबास ओढ़े किस से भागते फ़िरते हो -
औरों के हिस्से की सज़ा भी तुम ख़ुद को ही देते हो ख़ामोशी का लिबास ओढ़े किस से भागते फ़िरते हो
मेरी ख़ामोशी को अब मेरी उदासी न समझो,बस ख़ुद से मुलाकात की एक कोशिश है ये। -
मेरी ख़ामोशी को अब मेरी उदासी न समझो,बस ख़ुद से मुलाकात की एक कोशिश है ये।
नि:स्वार्थ प्रेमहर किसी के बस की बात नहीं,खुशबू सा बिखरना होता हैऔर शिकायत भी नहीं रखनी होती... -
नि:स्वार्थ प्रेमहर किसी के बस की बात नहीं,खुशबू सा बिखरना होता हैऔर शिकायत भी नहीं रखनी होती...
अतीत की आग में क्यों अब अपने आज को भी जलाना मु्श्किलें पार कर लेंगे ज़िंदगी की, तुम बस साथ निभाना -
अतीत की आग में क्यों अब अपने आज को भी जलाना मु्श्किलें पार कर लेंगे ज़िंदगी की, तुम बस साथ निभाना