मां रचा नहीं रूमाल यो मुंह प।
तेरे पल्लू त पोछणा चाहूं सूं।
भरी जवानी दुखी करै है बाबू।
मैं बचपन फेर देखणा चाहूं सूं।
नहीं मजा साफ-सुथरा रह के।
मैं तो माट्टी म लोटणा चाहूं सूं।
खुद के पैरा प होग्या बोझ इब।
मां तेरी गोदी म घुमणा चाहूं सूं।
न यारी दोस्ती प रह्या भरोसा।
मैं यार पुराणे फेटंणा चाहूं सूं।
यो जमाना तो कपटी है सुमित।
मैं टेम पुराणा देगणा चाहूं सूं।
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