तुम्हारी ये जुल्फ़े मुझे खूब जलाती हैंबिन इजाज़त ये गालों को छू जाती हैं ।❤️ -
तुम्हारी ये जुल्फ़े मुझे खूब जलाती हैंबिन इजाज़त ये गालों को छू जाती हैं ।❤️
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"विरह"(अनुशीर्षक में पढ़े) -
"विरह"(अनुशीर्षक में पढ़े)
मुझें नही चाहिए राधा सा प्यार अधूरामुझें चाहिए रुक्मणी सा भाग्य पूरा ।❤️ -
मुझें नही चाहिए राधा सा प्यार अधूरामुझें चाहिए रुक्मणी सा भाग्य पूरा ।❤️
हम पंडित हैं जनाब,प्यार में, हाथ पकड़कर सिनेमाघर नहींबल्कि,हाथ पकड़कर सत्यनारायण कीपूजा करनी हैं ।❤️ -
हम पंडित हैं जनाब,प्यार में, हाथ पकड़कर सिनेमाघर नहींबल्कि,हाथ पकड़कर सत्यनारायण कीपूजा करनी हैं ।❤️
बनारस😍(अनुशीर्षक में पढ़ें) -
बनारस😍(अनुशीर्षक में पढ़ें)
कर पाओगें क्या(अनुशीर्षक में पढ़े) -
कर पाओगें क्या(अनुशीर्षक में पढ़े)
वक्त का खेल बड़ा निराला हैंकभी तो खुशी तो,कभी तकलीफों का कड़वा प्याला हैं । -
वक्त का खेल बड़ा निराला हैंकभी तो खुशी तो,कभी तकलीफों का कड़वा प्याला हैं ।
तेरे लबों की तबस्सुम को इस तरह से सजाया हैं दिल में,सब आये गए पर तुझ सा कोई न भाया हैं दिल में ।❤️ -
तेरे लबों की तबस्सुम को इस तरह से सजाया हैं दिल में,सब आये गए पर तुझ सा कोई न भाया हैं दिल में ।❤️
द्रौपदी - एक व्यथाअनुशीर्षक में पढ़ें -
द्रौपदी - एक व्यथाअनुशीर्षक में पढ़ें
मैं मौन लिखूँ, तुम स्वर समझोंमैं नदी लिखूँ, तुम गिरि समझोराहों में बिन राही चले विधुरमैं साथ लिखूँ, तुम घर समझों ।मैं चाँद लिखूँ, तुम सर्द समझोंमैं पवन लिखूँ, तुम नीर समझोंविरह की व्यथा अथाह हैंमैं घाव लिखूँ, तुम दर्द समझों 💔 -
मैं मौन लिखूँ, तुम स्वर समझोंमैं नदी लिखूँ, तुम गिरि समझोराहों में बिन राही चले विधुरमैं साथ लिखूँ, तुम घर समझों ।मैं चाँद लिखूँ, तुम सर्द समझोंमैं पवन लिखूँ, तुम नीर समझोंविरह की व्यथा अथाह हैंमैं घाव लिखूँ, तुम दर्द समझों 💔