ख्यालो में गर मुमकिन होतेरी जहन की दहलीज़ों परमैं खुद से मिल तो लूं -
ख्यालो में गर मुमकिन होतेरी जहन की दहलीज़ों परमैं खुद से मिल तो लूं
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गुज़रते ही उजाला, खयालो की रात निकलती हैढलती शाम के बाद, कही मशालें कही याद जलती हैदिनभर मसलों में मशरूफ हूँ तो नज़र नही आतीरात में वो तन्हाई बड़े जशन से निकलती हैसोचता हूं सो जाऊ ख्यालों से थक कर एक दफापर ये आंखें हैं , इनसे नींद नही संभलती है -
गुज़रते ही उजाला, खयालो की रात निकलती हैढलती शाम के बाद, कही मशालें कही याद जलती हैदिनभर मसलों में मशरूफ हूँ तो नज़र नही आतीरात में वो तन्हाई बड़े जशन से निकलती हैसोचता हूं सो जाऊ ख्यालों से थक कर एक दफापर ये आंखें हैं , इनसे नींद नही संभलती है
रास ना आया आसानी से जलना बंद मकानों मेंआँधियाँ थी मंजिलें कुछ मशालों की -
रास ना आया आसानी से जलना बंद मकानों मेंआँधियाँ थी मंजिलें कुछ मशालों की
मासूम चेहरा उसका और गुस्सा ज़ुबान मेंआयी हो जैसे बरसात लिपटकर तूफान में -
मासूम चेहरा उसका और गुस्सा ज़ुबान मेंआयी हो जैसे बरसात लिपटकर तूफान में
देदी सबको अपनी रोशनी, और अंधेरे में मर गया मेरा साया -
देदी सबको अपनी रोशनी, और अंधेरे में मर गया मेरा साया
अँधेरो में डूब जाने का खूबसूरत ज़रिया थारात की खाई थी, सितारों का दरिया था -
अँधेरो में डूब जाने का खूबसूरत ज़रिया थारात की खाई थी, सितारों का दरिया था
हसरतें बेहिसाब थी जब तलक हासिल ना हुआमर गया फूल वो मकानों मेंदेख के खूबसूरती बग़ीचों कीजिसे मांगा था बागबानों से -
हसरतें बेहिसाब थी जब तलक हासिल ना हुआमर गया फूल वो मकानों मेंदेख के खूबसूरती बग़ीचों कीजिसे मांगा था बागबानों से
जल रही है धूप में मेरी उम्मीद की तितलियाँऐ खुदा भेज दे थोड़े बादल उधार के -
जल रही है धूप में मेरी उम्मीद की तितलियाँऐ खुदा भेज दे थोड़े बादल उधार के
मुहाफ़िज़ है मेरी, कबूतरों की ज़मीन हैसर्द मौसम की दोपहरी की ये छत बड़ी हसीन है -
मुहाफ़िज़ है मेरी, कबूतरों की ज़मीन हैसर्द मौसम की दोपहरी की ये छत बड़ी हसीन है
सुहाना था सफर कुदरती आबो हवा में, बसबनावटी एक शहर से गुजरना मुश्किल हो गया -
सुहाना था सफर कुदरती आबो हवा में, बसबनावटी एक शहर से गुजरना मुश्किल हो गया