Riya Singh   (Riya Singh)
1.3k Followers · 1.1k Following

read more
Joined 4 June 2019


read more
Joined 4 June 2019
9 JAN 2022 AT 23:40

रण में पराजय मंज़ूर है मुझे, पर समर का शोर सारे जहाँ में गुंजेगा ।

-


15 FEB 2021 AT 11:40

तब खुद से ही घृणा हो जाती है, जब स्त्री ही स्त्री के दुःख का कारण बन जाती है

-


10 FEB 2021 AT 12:49

हर मसले का एक अंजाम होता है,
य तो आरंभ होगा, य तो अंत होता है

-


5 FEB 2021 AT 17:07

उफ़ !
ये तेरा अंजान हो जाना
देकर तकदीर का बहाना

-


4 FEB 2021 AT 23:01

सारे गमो को समेट कर
सुकून पा लेते हैं

-


4 FEB 2021 AT 18:58

आज कैसा निष्ठुर परिवर्तन
भीड़ में भी अकेलापन

-


2 FEB 2021 AT 19:16

रुख हवाओं का भी बदल गया

-


2 OCT 2020 AT 21:39

उम्र भर कमाई हो विश्वास की...
क्षण भर में तौहीन हो जाए हर आस की...
बस यही पहचान रह गई है विश्वास की..

-


21 SEP 2020 AT 8:14

ज़रा धीरे कहिए जनाब
बात बहुत दूर तक जाएगी
ये अल्फ़ाज़ ए - मोहब्बत है
जो आंसू नहीं बहाएगी

-


30 AUG 2020 AT 21:37

ऐ ख़ुदा अब अंजाम दे
या तो जुदा करदे या तो आराम दे

-


Fetching Riya Singh Quotes