RIYA RAJ   (Riya)
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Live in Bhagalpur
Birthday- 14 January
Joined 23 June 2019


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31 JAN 2022 AT 22:48

I want to be the blank page of your dairy, from which you have no hope.
But still you come to share your every pain, your every smile with me.— % &

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22 JAN 2022 AT 22:29

आज उस बिस्तर को निहारा जा रहा था।
ऐसा लग रहा था, चीज़ों को भी अहसास होता।
उस बिस्तर को इतना वीरान पहले कभी नहीं देखा था।

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9 JAN 2022 AT 22:35

आपके सिर्फ मौजूदगी में भी कितनी ताकत थी।
लम्बे वक्त से दर्द था, खामोशी थी,
पर फिर भी एक फिक्र की डोर जो बाँधे थी।
वो उम्र भर की मोहब्बत,
जो आपके खामोशी में भी आपके अल्फाज पढ़ लिया करती थी।
वो भी अब खामोश हैं,
बस बटोर रहीं आपके सारे गुज़रे यादों को
आपका हरेक आलम, आपकी मोहब्बत हमेशा से आबाद हैं।
चाहे वो किसी भी रूप में हो,
बस अब वही गुजरी यादें हैं, जो हमारे साथ ठहरी हैं।

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27 DEC 2021 AT 16:22

रोज मोहब्बत पढ़ते हैं।
पर मोहब्बत सिर्फ इंसानों में ढूंढना लाज़मी है क्या?
ख्यालों में भी तो मोहब्बत होती हैं।
पर इस ख्याली मोहब्बत का नाम तक नहीं,
जिसने सौदा का जिक्र तक नहीं किया कभी।

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25 DEC 2021 AT 22:40

अगर खताओं को तौला जा रहा हैं,
तो कुछ हकीकत पर भी गौर फरमाया जाए।
या आजमाया जाए हर उस वक्त को,
जहाँ तौलना आसान हो जाए।

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17 DEC 2021 AT 20:01

एक बिस्तर का कोना सिर्फ अब यार हैं,
बगल में मोहब्बत शायद वो भी लाचार हैं।
यूँ खामोशी अब इतनी छायी हैं,
या खुदा मुझसे नाराज हैं।
यूँ रूह मौत को हर पल ताकें हैं,
या दुआ मुझे हर वक्त झाँके हैं।

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24 NOV 2021 AT 11:53

बातों के साथ बैठने वाले तो बहुत मिल जाएँगे,
कोई खामोशी में खामोश होकर ठहरे तो बताओ।

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23 NOV 2021 AT 21:54

किसी हद को बेखबर होते देखना।
यूँ तुम खुद से मुकर जाओगे,
बस उस हद के एक खबर के लिए।

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12 NOV 2021 AT 18:38

अगर नाराजगी हो तो गैरो से हो,
उसमें खामोशी का कोई मलाल ना हो।
ना समाज के कोई चोचले हो,
ना रिश्तों का कोई दायरा।
ना अंदर घुटन का बवंडर हो,
ना दिमाग में सवालों का समुन्दर।
ना आँसुओं की कोई बौछारे हो,
ना गले में कोई अटका हुआ फंदा।
ना किसी के इज्जत की परवाह हो,
ना किसी से मोहब्बत का इल्जाम।
यूँ बस कुछ हो तो बस वक्त का इंतज़ार,
और वक्त कि मार हो।

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25 OCT 2021 AT 16:09

यूँ सुर्ख़ियों में ही अपनी तलाशी हो,
तो अंदर उबले हुए सैलाब का क्या ?
सिर्फ एक खुमार को ढूंढने की साजिश हो,
फिर आबाद या बर्बाद की परवाह भी क्या ?

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