बिन मौसम वाली बारिश
बारिश की कुछ बूंदें थी, आखों के काजल को मिटा लेगयी!
यह बिन मौसम वाली बारिश है, आंखों को भीगा ले गई. अक्सर यूं होता है जब बात कुछ क्षण की होती है,
यूं ही अगले दिन बारिश कुछ इस कदर होती है!
मत कहना चांदनी रातों में चांद को ना निकलने को,
मत कहना बरसात के इन बादलों को ना गरजने को...
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