तुम साथ ना हुए तो कैसे जी पाऊंगा ना कुछ खा पाऊंगा ना कुछ पी पाऊंगा -
तुम साथ ना हुए तो कैसे जी पाऊंगा ना कुछ खा पाऊंगा ना कुछ पी पाऊंगा
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अकेला मैं यहाँ होकर समय को काट लेता हूँ कभी हँसकर, कभी रोकर समय को काट लेता हूँ मेरे सीने की मिट्टी सींचकर के आँसुओं से मैं दुःखों के बीज को बोकर समय को काट लेता हूँ -
अकेला मैं यहाँ होकर समय को काट लेता हूँ कभी हँसकर, कभी रोकर समय को काट लेता हूँ मेरे सीने की मिट्टी सींचकर के आँसुओं से मैं दुःखों के बीज को बोकर समय को काट लेता हूँ
कहीं पर भी मुझे आराम नहीं है शाम है पर पहले सी शाम नहीं है यूँ तो मेरे कमरे में सबकुछ है "मागध"बस खुशियों का ही इंतज़ाम नहीं है -
कहीं पर भी मुझे आराम नहीं है शाम है पर पहले सी शाम नहीं है यूँ तो मेरे कमरे में सबकुछ है "मागध"बस खुशियों का ही इंतज़ाम नहीं है
अक्सर रो देता हूँ तुम्हें याद करकेताकि तुम्हारी यादें हरी-भरी रहें -
अक्सर रो देता हूँ तुम्हें याद करकेताकि तुम्हारी यादें हरी-भरी रहें
चारों ओर है घना अंधेराना कोई ख़ुशहाली हैभीतर में एक शोर है "मागध"बाहर सबकुछ खाली है -
चारों ओर है घना अंधेराना कोई ख़ुशहाली हैभीतर में एक शोर है "मागध"बाहर सबकुछ खाली है
अब मुझे दिन, दिन नहीं, न रात, रात लगती हैमातम सी रहती है सुबह, शाम उदास लगती है -
अब मुझे दिन, दिन नहीं, न रात, रात लगती हैमातम सी रहती है सुबह, शाम उदास लगती है
याद में आपके हम सिसकते रहे आप आये नहीं सिर पटकते रहे -
याद में आपके हम सिसकते रहे आप आये नहीं सिर पटकते रहे
अपने अकेलेपन को कुछ यूँ मिटा रहा हूँ कि इन आँसुओं के साथ रातें बिता रहा हूँ -
अपने अकेलेपन को कुछ यूँ मिटा रहा हूँ कि इन आँसुओं के साथ रातें बिता रहा हूँ
ग़म-ए-दिल अपना मिटाऊँ कैसेतरकीब बता दो तुम्हें भुलाऊँ कैसे -
ग़म-ए-दिल अपना मिटाऊँ कैसेतरकीब बता दो तुम्हें भुलाऊँ कैसे
वो मेरी ज़िंदगी ऐसी कर गया हैमेरे अंदर मुझ-सा कोई मर गया है -
वो मेरी ज़िंदगी ऐसी कर गया हैमेरे अंदर मुझ-सा कोई मर गया है