जयरा🖤
अधूरी सी लड़की
अब पूरी हो रही थी
हाँ सही समझे
वो इश्क़ में खो रही थी
पर ये इश्क़ भी उसका
उसे अब अधूरा लग रहा था
वो सब मिलकर भी उसे
अब धीरे-धीरे छीन रहा था
बेशक 20 की थी वो
पर इश्क़ में बच्ची बन गयी थी
हर लड़की की तरह कभी उसने भी सोचा था
पहला इश्क़ ही उसका आखिरी हमसफ़र बन जाएगा
पर ये दोनों राहे अब उसे जुदा लग रही थी
हाँ उसके भी सपने बिखरते दिख रहे थे
कुछ जिम्मेदारियों ने उसकी चाहतों को दफन कर दिया था जिससे इश्क उसे अब गुनाह लग रहा था
जिस वजह से अब वो बात ना करने के बहाने ढूँढ रहीं थीं
उसे ना चाहने की बाते कह रहीं हैं
कुछ बातें और कहना चाहती थी सिर्फ तुमसे
पर अब कुछ बोलना भी उसे
गलत लग रहा हैं
अब फिर से वो in शब्दों में खो रहीं हैं
हाँ, वो धीरे-धीरे उसे खो रहीं थीं
वो धीरे-धीरे उसे खो रहीं हैं
वह जयरा से खुद को अलग कर रहीं हैं
वह जय को रा से अलग कर रहीं है
Wrote by Rinki solanki
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