Richa Rohit Gupta   (Richa)
9 Followers · 2 Following

read more
Joined 6 April 2020


read more
Joined 6 April 2020
5 JUL 2021 AT 14:58

शब्द
कभी नहीं होती इन्हे किसी के सहारे की जरूरत,
और ये कभी अनुभूति का,
तो कभी मर्यादा का आवरण ओढ़े
होठों और जीभ के बीच में ही
सिकुड़ जाया करते हैं।

और कभी जब मन पर पड़ी चोटें
आंसू बनकर बहने लगती हैं
तब ये शब्द धीरे धीरे बन जाते हैं
एक कड़क आवाज़
और ख़ामोशी से भी ज्यादा चुभने लगते हैं।

-


3 JUN 2021 AT 1:29

काश मुझको पता होता...
कि कितना आसान है
बचपन वाली कच्ची उम्र में
रेत के घर बनाना,
नंगे पांव मिट्टी में खेलना
बारिश में भीग जाना,
अपनी जायज़ नाजायज फरमाइशों को
पूरा करवाने के लिए
झूट मुट का रोना
और फिर डांट खाकर
चुपचाप मां की ही गोद में सिर रखकर सो जाना...

पर बहुत मुश्किल है
जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही
ज़िन्दगी के गणित को समझ पाना


पूरा अनुशीर्षक में ...

-


15 MAR 2021 AT 18:39

एक पहलू ये भी..

जब लड़की का पिता रिश्ता तय करने जाता है
तो लड़का सरकारी नौकर है या नहीं ,
ये देखा जाता है
और यदि हां, तो चुपके से एक सवाल - सरकारी नौकरी तो ठीक है, पर लड़का ऊपर से कितना कमाता है।

-


10 FEB 2021 AT 18:18


मेरी ज़िन्दगी के
हर उतार- चड़ाव में
मेरे गिरने से पहले ही
तुम्हारा आगे बढ़कर
मेरा हाथ थामना
और फिर हर कदम पर
मेरे साथ चलने की वो कोशिश,
उतना ही सुकूं देती है...


जितनी किसी पुरानी खंडर हुई
हवेली से गुजरते हुए
उसके अंधेरों को ओझल करती
इस लालटेन की रोशनी

-


8 FEB 2021 AT 14:04


शायद इस वक़्त से ज्यादा बेवफ़ा ना कोई और हुआ है
ये कल किसी और का था, आज किसी और का है

इसलिए यारों इसकी बेरुखी पर ना कभी आंसू बहाना
और ना ही इसके अपना होने पर इतराना
बस हो सके तो इस वक़्त की धारा में हरदम बहते ही जाना



-


11 DEC 2020 AT 13:26

मां
यूं तो मां तेरी ममता का एहसास पहले भी होता था मुझको, पर अब जब से खुद मां बनी हूं
हर पल उन एहसासों को जीने लगी हूं मै।

देखने की कोशिश करती हूं मै जब भी
बचपन की आंखों से मां तेरा रूप,
वो धुंधली सी यादें लगती हैं मुझको
जाड़े के मौसम में खिली हुई सी धूप।

मां अब मै महसूस कर सकती हूं कि
वो लम्हा कैसा होगा
जब मै रोई और तू मुस्काई होगी

(पूरा अनुशीर्षक में पढ़ें)

-


20 OCT 2020 AT 12:14

आईना
आईना प्रतिबिंब है हमारे अक्स का
ये हमारी (तस्वीर की) सुंदरता या कुरूपता तो दिखा सकता है, पर मन की नहीं।
गर जो ये आईना हमारे अंतर्मन की सच्चाई को भी दिखा पाता,
तो ना जाने कितने ही गोरे चेहरे और काले दिल वाले लोग
बेनकाब होने के डर से आईने के साथ - साथ
खुद को भी सौ पर्दों में ढक कर रखते।

-


8 OCT 2020 AT 13:35

Student : Ma'am, who is your favourite actor/actress?
I replied : No one from reel life
and why to have ?
If I have my parents and men and women in uniform from real life who shed their blood and bones to protect us through out their life.

#Realheroes #Indianarmy #Parents

-


7 OCT 2020 AT 22:44

भीड़ बेशक साथ नहीं चलेगी

पथ पथ पर तुच्छ तृष्णाएं भी भटकाएंगी तुझको,
डोलेगा तेरा अंतर्मन

पर तू इस बाहरी दुनिया की चकाचौंध में ना खो जाना,
ना करना समझौता अपने मूल्यों से कभी

फिर देख कैसे सुकून भरी तेरी हर रात गुजरेगी।

-


7 OCT 2020 AT 17:25



हर किसी को मौका नहीं देती किस्मत
अक्सर धुल ही जाया करते हैं
अभावों की बारिश में उसके सपने,

नालों में उगता हो जिसका जीवन
और अपनों के प्यार को तरसता रहा हो
जिसका बचपन और यौवन।

सड़कों पर पलती रही हो जो ज़िन्दगी
और लू में तपते फूल की भांति
झुलस रहा हो जिसका तन मन।

(एक सच्ची घटना पर आधारित)



-


Fetching Richa Rohit Gupta Quotes