वो बिटिया अब बड़ी हो गई
पलकों पे पली ऊंगली पकड़ कर चली
आंगन में खेली वो गुड़िया बड़ी हो गई
गालों में हल्दी हाथों में मेहंदी
देखो वो बिटिया जोड़े में खड़ी
निभा कर रस्में सात फेरों की
ले कर हल्दी वाले हाथ
माँ की बिटिया दुलारी
पिता के कलेजे का टुकड़ा
वो बिटिया विदा होने चली
महकाने पिया का घर
वो दौलत पिता से संस्कारों की ले कर चली
घर-घर खेली वो घर अपना बसाने चली
देखो वो बिटिया मेरी बड़ी हो गई
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