कुछ लोग दिल तोड़के जाते हैं और कुछ दिल जोड़ के ।
जब तोड़ने वाले जाते हैं कुछ वक्त बाद पता चलता है की उन लोगों का जाना कितना जरूरी था ,क्यों की ये दिल भी उस बोझ को नहीं उठा पाता है और ।
पर जब जोड़ने वाले जाते हैं ये दिल बोहत भारी लगता है , जब हमारे लिए कोई बोहत कुछ कर जाए बिन कुछ मांगे और अचानक इतना दूर चला जाये की वापस ना आये दिल कर्ज़ से भर जाता है । ना ही मौका होता है,ना वक़्त और ना वो लोग ।बस हर रोज़ एक अफसोस रहता है की कास हम भी कुछ कर पाते उस के लिए । और ये अफसोस वाला दर्द हमे वक़्त के साथ बेहतर बनाने लगता है , क्यों की वो कर्ज़ को संभाल नहीं पाते है हम तो शायद किसी और के लिए ही सही बिना मतलब कुछ करने लगते हैं । तब सुकून मिलता है ,और बोझ नहीं लगता ।
कुछ प्यार और जज्बात बोहत ही गहरा होता है, उनका होना , ना होना सब कुछ हमे हर वक़्त बस बेहतर ही बना देता है ।
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