Renuka Vyas   (✍️रेणुका व्यास)
1.3k Followers · 51 Following

✍️रचनाओं पर आपके आशीर्वाद एवं त्रुटियों पर आपके मार्गदर्शन की अभिलाषी हूँ🙏
Joined 23 January 2020


✍️रचनाओं पर आपके आशीर्वाद एवं त्रुटियों पर आपके मार्गदर्शन की अभिलाषी हूँ🙏
Joined 23 January 2020
2 SEP 2023 AT 13:39

ये जानती हूँ मैं
कि चले जाओगे तुम भी
इस साल की तरह
कभी ना लौट आने के लिए...
मगर छूट जाओगे तुम भी कुछ कुछ
जैसे साल छूट जाता है.....
ओस की बूंदों में, पतझड़ के सन्नाटों में,
बसंती हवाओं में,फाल्गुन के रंगों में,
जेठ की दोपहर में, सावन की रिमझिम में,
भादो की हरियाली में,कार्तिक की दीपमाला में,
दिसंबर की शामों में......
और मेरे मन के किसी कोने में...
2/09/2023

-


6 AUG 2023 AT 15:30

जो सिर्फ मेरे लिए था,उसे सबके नाम किया उसने
कुछ इस तरह से मुझे, ख़ास से आम किया उसने

-


15 MAY 2023 AT 15:36

Paid Content

-


5 MAY 2023 AT 18:47

Paid Content

-


15 APR 2023 AT 20:31

Paid Content

-


12 MAR 2023 AT 22:53

नमस्कार🙏
मेरी सभी रचनाओं, ख़ासकर कहानियों को आपका अपार स्नेह प्राप्त हुआ है। अतः स्वीटी जोशी द्वारा अब मेरी कहानी, संस्मरण, डायरी के पन्ने ,आदि को अपनी सुनहरी आवाज़ में पिरोया जा रहा है। मेरी सभी कहानियां जो कि yq पर पैड स्टोरीज़ हैं वे सभी आप स्वीटी जोशी के यु टयूब चैनल "Vasundhara - कुछ अनसुनी सी कहानियां, कुछ अनकहे से किस्से" पर सुन सकते हैं। आशा है वहाँ भी आपका स्नेहाशीष उसी तरह प्राप्त होगा जैसा यहाँ प्राप्त हुआ है। चैनल का लिंक बायो में दिया गया है। कृपया सब्सक्राइब कर के इंगित करें कि इस सफर में आप हमारे साथ हैं।
एक वर्ष से अधिक हुआ है कलम को विराम दिए, आशा है आप सभी सकुशल होंगे और मुझे याद करते होंगे। आपका स्नेह प्राप्त हुआ तो लेखनी पुनः गतिमान होगी।
आपकी

-


18 DEC 2022 AT 9:53

बेफिक्र उड़ आसमान में, तू चाहे तो बादलों को घर कर ले!
मेरी मुट्ठी में है डोर तेरी, तू चाहे तो खुद को पतंग कर ले!

बा ख़ूब हैं वाकिफ़ कुदरत के चलन से, तो चल ऐसा करें!
कूच कर लेना महफ़िल से, बस मेरे जाने तक सब्र कर ले!

शे'र नज़र करूँ क्या उसके, जो ख़ुद ग़ज़ल मुक्कमल है!
बिखरे से इन हर्फ़ के कतरों को, चल तू ही समंदर कर ले!

-


5 NOV 2022 AT 22:47

5 नवंबर 2022
मैं यह तो नहीं कहती कि मैं yq छोड़ कर जा रही हूँ या बंद कर रही हूँ और न ही ऐसा करने वाली हूँ क्योंकि यह मेरी डिजिटल डायरी भी है, और यहाँ मैंने बहुत कुछ सीखा भी है। बहुत पाया भी है और खोया भी है। मैं कृतज्ञ भी हूँ इस मंच के प्रति यहाँ के लोगो के प्रति और मेरी आँखें भी पूरी तरह खुल चुकी है! मेरे फ़ोन में yq हमेशा रहेगा कृतज्ञता के तौर पर भी और एक सबक के रूप में भी।

-


14 SEP 2022 AT 13:05

श्राद्ध
श्रद्धा/विवशता/उपकार/ पश्चयाताप?

इस लेख में केवल मैं अपने निजी विचार प्रकट कर रही हूँ। किसी भी बात की प्रामाणिकता सिद्ध ना करना पड़े अतः किसी शास्त्र का उल्लेख नहीं किया गया है। कोई प्रश्न हो तो आप अवश्य पूछें परन्तु कुतर्क से निपटने का समय नहीं है इसलिए पहले ही डिस्क्लेमर दे दिया है। पाठक अपने विवेक से काम लें।

-


13 SEP 2022 AT 23:43

......

-


Fetching Renuka Vyas Quotes