और फ़िर एक दिन कुछ यूं हुआ की उसे मेरा दर्द महसूस होना बंद हो गया, मेरे आंसुओं पे उसे दुख नही ,गुस्सा आने लगा, बस वक्त की बात है, आज तेरा है, कल मेरा भी आएगा, मेरा हर एक आंसू तेरी आंख से भी बहाया जायेगा, तुझ से दूरी का ये दर्द जो सिर्फ अभी मेरा है, कल तेरी सूरत पे भी नजर आयेगा, दुआ है खुदा मुझे सब्र और तुझे रहम बख्से।। Amen...
मैं लड़की एक दीवानी सी, वो लड़का सख्त घराने का, वो वादों से मन बहलाए , मुझे शौंक था मांग सजाने का, वो राही सिर्फ मुसाफिर सा, मुझे जुनून मंजिल पाने का, मुझे हाथ थाम के रखना था, उसे हांथ ही सिर्फ छुड़ाना था, गया इश्क वफ़ा में आग लगा, जाने उसको क्या पाना था ।।
इज्ज़त इज्जत बोल के, बात पे अपनी खड़ा रहा, खुशियां को अनदेखा कर, वो बाप जिद पे अड़ा रहा, इज्जत इज्जत करता है,क्या इज्जत बोल कमाई है, बना के ताज समाज को,औलाद की खुशी गवाई है, दर किनार कर झूठी शान, बच्चों की खुशियां चुन लेती, आज न यूं पछताती मां, बस एक दफा गर सुन लेती, बच्चों को फिर दोष लगाए, देखो मेरी सुनी न हाय, मां तू मेरी मां ही है न? क्यों खुशी मेरी तुझे नज़र न आए?