ग़म को हँसी में छुपा कर ना जिए जा। अधूरेपन के एहसास में, दर्द को ना पिये जा। बाँट ले अपने दर्द को अपनों से, क़बूल दर्द को और उससे आज़ाद हो जा। क्या हुआ जो ज़िंदगी में बहुत चोट खाई है? हर किसी को ज़िंदगी ने बहुत कुछ सिखाई है।
जब सूर्य अपनी उत्तरायण अर्ध परिक्रमा पूरी कर ले, तब गर्मी के मौसम का स्वागत कर 14 अप्रैल को हमारी खूबसूरत, रंग-बिरंगी संस्कृति वाली इस ज़मीं पे कही मनाते है नवरात्रि षष्ठी, वैशाखी, पोइला बोइशाख (बंगाली नववर्ष), यमुना छठ, विषुक्कणी (मलयालम नववर्ष), चरक पूजा कहीं सतुआनी ( बिहार) पर्व। जो भी त्योहार अपना सा लगे, दिल से मनायें। शुभकामनाएँ सभी को!!!!!
Writing a novel feels like living alongside my own characters, experiencing their emotions firsthand. Sometimes it's a tsunami of story ideas, other times it's writer's block. But upon completion, there's a sense of satisfaction and pride in what you've accomplished.
रात और चाँद-सितारे सोने चले जाते थे, तुम नींद से मुझे जगाते चले जाते थे। “तुम मुझ में हो, हमेशा मेरे साथ”, यह गीत सुनाते चले जाते थे। अब याद आती है हर बात। कैसे ढूँढे अपना सितारा? तुम तो छुप गये इन सितारों के साथ?