ममता की मुरत हैं वो,
प्रेम सी सूरत हैं वो,
लड़े जो यमराज से भी,
ऐसी शक्तिस्वरूवा हैं वो,
अच्छाई का प्रतीक हैं वो,
सच्चाई सी सटीक हैं वो,
करे मानव को साकार जो,
भगवान का दूसरा अंश हैं वो,
इस धरा की स्रोत हैं वो,
अनेक रूपों में प्रोत हैं वो,
गुजारिश करने से भी ना मिले,
ऐसा एक पवित्र उपहार हैं वो,
निश्छल जीवन सी कहानी उसकी,
कभी अम्मा कभी पत्नी कभी बहन,
कभी बेटी तो कभी भवानी जैसी,
ये महिलाओं की निशानी हैं कुछ ऐसी,
ये लोगों की सोच से परे हैं,
ये वही हैं जिनसे भगवान भी डरे हैं।— % &
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