Ravi Sharma   (Raviiii)
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Instagram - im.raviiii
Joined 12 August 2017


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13 HOURS AGO

जीना सीख लेता है इंसान किसी के बिना भी
ख्वाइशों का शोर
वक्त अच्छी तरह शांत करना जानता है

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14 HOURS AGO

जब इंसान के अंदर के जज़्बात खत्म होने लगते हैं तो उसके साथ उसकी इंसानियत भी खत्म होने लगती है ...

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YESTERDAY AT 1:02

कभी - कभी कोई हमसे प्यार कर बैठता था
तो कभी - कभी हम किसी से
इन दोनो ही कश्मकश में लेकिन
कोई भी किसी का नहीं हो पाता ...

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26 APR AT 23:32

मैं जानता हूं तूं किसी और का है
इसलिए शायद तुझे अपना बनाने से डरता हूं
लेकिन ये भी पता है मेरी तरह तन्हा है
इसीलिए तुझपे हर पल मरता हूं

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26 APR AT 17:55

मौसम बदलता हुआ
अच्छा सा लगता है
लेकिन तुम मत बदला करो
तुम इंसा ही अच्छे हो ....

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25 APR AT 23:59

जो दूर हूं मैं तुझ से
तो पास मेरे तूं भी तो नहीं
तेरी बेवफाई ने बनाया है पत्थर मुझे
तेरी नज़रों में हूं गलत तो गलत ही सही

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22 APR AT 11:34

मुहब्बत एक अहसास है जिसे ज़बरदस्ती
दिल में पैदा नहीं किया जा सकता
बल्कि ये ख़ुद - ब - ख़ुद उभरती है दिल से
उस फ़ूल की तरह जो बंजर धरती पर भी
खूबसूरती से पनप जाता है ख़ुदा बन के

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20 APR AT 20:17

ज़िंदगी अब लाख गुना बेहतर हो भी जाए तो क्या होगा
गुज़रे वक्त और उम्र के ज़ख्म कभी भर नहीं पाएंगे
मर चुके हैं आगे ही सब सपने ज़िंदगी के
जीते जी भी मर रहे हैं अंत में भी एक दिन मर ही जायेंगे

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17 APR AT 23:13

लोगों की भीड़ में उसे मेरी और मुझे उसकी
नज़र रही थी तलाश
दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी
मिलन की घड़ी आई जब पास
ना उसने मुझसे और ना मैने उससे कुछ कहा
फिर भी मेरा दिल उसने खामोशी से ले लिया
जब जाने लगी वो तो मुड़ के उसने मुझे
एक बार चुप से जो देखा था
बस उसकी उसी अदा पे दिल अपना मैं
उसे दे बैठा था
मुहब्बत दोनो की ख़ामोशी से बात करेगी
कांटों भरी ज़िंदगी कुछ देर तो गुलाब बनेगी

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15 APR AT 23:49

बारिश की शाम और शहर का एक चाय खाना
यहां एक मेज़ के पास मैं और दूर कुर्सी पर वो
चाय उसने फिकी मंगवाई और मैंने मीठी
गलती से उसकी चाय मुझे मिल गई और मेरी उसे
एक घूंट ले कर उसने मुंह बनाया और कहा " hmm मीठी "
मैने उसकी फीकी चाय का स्वाद लेकर कहा " hmm मीठी "
दोनो की नजरें मिली और एक अजनबी सी हंसी लिए
दोनों की आंखे मुस्कुराने लगीं ...

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