Ranjna Parmar  
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Joined 26 March 2020


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Joined 26 March 2020
20 FEB AT 14:56

जो खुद को वक्त देना हो
वक्त कम रहता है
आजकल खुशियां ज़रा-सी
ज़्यादा गम रहता है

ज़िन्दगी की दौड़ में
सब भागे फिर रहे हैं
थकान बेहद
आराम कम रहता है

यहां न कोई तेरा
यहां न कोई मेरा
मगर सब अपने हैं
बस यही भ्रम रहता है





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6 DEC 2023 AT 18:01

आसमान हरा भरा
बंजर ज़मीन है

ये ख़ामोशी का मंज़र
क्यों इतना हसीन हैं

वक्त गुज़रा तो
रिश्ते भी गुज़र गए

मैं और तुम में
अब ‘हम’ ही नहीं है

आसमान हरा भरा
और बंजर ज़मीन है..!

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18 NOV 2021 AT 19:49

मेरा नाम बस..तेरे नाम
मैं तेरी राधा तू मेरा शाम
✿◕‿◕✿


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28 OCT 2021 AT 15:17

खुद से किनारा कर लिया
इश्क़ से इश्क़ मैंने
दोबारा कर लिया

नासमझी को इशारा कर लिया
अपने हर ग़म को मैंने
तेरा सहारा कर लिया

हर भूल को गवारा कर लिया
जितना इश्क़ बचा था दिल में
बस तुमसे ही सारा कर लिया

मुलाक़ातों से किनारा कर लिया
तेरी यादों से ही मैंने
देख गुज़ारा कर लिया 😙



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3 OCT 2021 AT 19:06

सफ़र मुक जान्दे ने
दिल दे चा नी मुकदे

अपणे छुट जान्दे ने
अपणेयां दे रा नी छुटदे

रिश्ते टुट जान्दे ने
जुड़े होए एहसास नी टुटदे
⊙﹏⊙

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25 SEP 2021 AT 19:26

मौत हूं मैं..

किसी के लिए खुशी,
तो किसी के लिए हंसी हूं मैं

हर घड़ी डराऊं तुम्हें,
तेरे गले की फांसी हूं मैं

किसी के लिए गम,
तो किसी के लिए उदासी हूं मैं

तेरी तलाश में भटकती,
तेरी सांसों की प्यासी हूं मैं

मौत हूं मैं..😈

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16 SEP 2021 AT 20:11

नासमझी को न समझकर
खुद को समझना चाहती हूं

कुछ दिन ख़ामोशी में रहकर
तुमसे से बात करना चाहती हूं

अंजाम चाहे जो भी हो
इश्क़-ए-गुनाह करना चाहती हूं

इक बार नहीं हर बार
इश्क़ सिर्फ़ तुमसे करना चाहती हूं
(✿ ♡‿♡✿ )

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22 AUG 2021 AT 15:34

कभी रात हूं, कभी ख़्वाब-सी हूं
कभी तेरे बिना, मैं ख़ाक-सी हूं

तेरी राहें तकती, कभी इंतज़ार-सी हूं
तू मिल जाए मुझे, मैं तेरे प्यार-सी हूं

मेरे ज़हन में जो है, तेरे ख़्याल-सी हूं
तेरी मौजूदगी में, मैं कमाल-सी हूं


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7 AUG 2021 AT 18:34

..??
कभी हम भी तेरे पास थे
याद है तुम्हें..??
कभी हम भी तेरे खास थे

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29 JUL 2021 AT 22:44

खुशनुमा है ज़िन्दगी तेरे बग़ैर भी
बस तेरी कमी है

मुस्कुराहट है चेहरे पे मगर..
आंखों में नमी है

रौनक है आसमान में
बंजर ज़मीं है

खुशनुमा है ज़िन्दगी तेरे बग़ैर भी
बस तेरी कमी है

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