कैसा ये राज आ गया है,
कैसे ये दिन आ गए है,
अच्छे दिन के वादे करके,
अपनें दोस्तों को अमीर बना रहे है,
ना खाऊंगा ना खाने दूंगा कहकर,
करोड़ों के रुपए कर रहे अंदर,
सबको धर्म का चोला पहना कर,
ख़ुद दोस्तों के साथ बैठकर मलाई खा रहे,
चंदा दो धंधा लो का खेल रचाकर,
तुमने है गरीबों को लूटा,
ED CBI का डर दिखा कर उद्योगपतियों से,
खूब पैसे है आइठे,
लोकतंत्र की हत्या कर,
देश में बेरोजगारी मंहगाई की मार है लाई,
किसानों पर अंशु गैस फेंक वाते,
युवाओं पर लाठी चार्ज करवाते,
ये कैसा राज है तुम्हारा,
जिसमे हर कोई परेशान है,
देश की सेवा करने आए थे,
दोस्तों की सेवा में लग गए,
अब नही कहोगे बेटा हूं इस देश का,
इस देश का मैं भी चौकीदार हूं,
लूट कर धन देशवासियों का,
झोला लेकर चल दुंगा।
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