मैं अपने घर के सामने ही एक स्कूल में पढ़ता था। एक तरफ़ घर बीच में पार्क और सामने स्कूल था। यह बात मुझे आज तक याद है, जो कभी मैं जीवन भर भूल नहीं सकता। जब कभी आज भी वह गाना रेडियो पर सुनाई देता है, तो मेरे होठों पर मुस्कुराहट आज भी आ ही जाती है।
पार्क में कोई फंक्शन था, सब बच्चों को क्लास टीचर के बारे में कुछ बोलना था । जब मेरी बारी आई तो मैंने एक गीत गया, जिसके बोल यह थे...
"तेरी प्यारी प्यारी सूरत को किसी की नज़र न लगे, चश्मे बददूर"
ख़ैर मुझे उस वक़्त तो समझ में नहीं आया कि मैंने ऐसा क्या बोल दिया है जो सब हँस रहे हैं, मै घबराकर आपने घर भाग गया। इस बात से मैं स्कूल में बहुत मशहूर हो गया। हैं न मजेदार "स्कूल की यादें" यह किस्सा ?
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