तू ही मेरा मौला तू ही मेरा खुदा तुझसे ही है मेरी हर चाहत सांवरिया नीले अंबर वाले तुझपे हर दिल फिदा मैं तेरे चरणों की दासी मेरी रूह में बसा है तू ही तू ये दिल और जान तुझपे कुर्बान सांवरिया नीले अंबर वाले ...!!
जब अक्सर इन आवारा गलियों में तन्हाई के साथ फिक्र में दिन रात तालाश करती थी मैं तुम्हारे उस अक्स को जो हजारों सवालों के घेरे में तन्हाई के मंजर में छोड़ एक चोट दे गया था मुझे अब ये हमदर्दी कैसी ...??
सबसे न्यारी इसमें छिपी है। बचपन की किलकारी वो फूलो की वादी बारिश का पानी कागज की कश्ती में ख्वाबों की सवारी वो बचपन की यादे। आज की किलकारी यह दोस्ती हमारी सबसे प्यारी ।।