Rajiv Mishra   (राजीव मिश्र)
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लिखना आत्मसंतुष्टि एवं आत्मविश्वास का सर्वोत्तम माध्यम है|
Insta Handle: rajivjkmishra
Joined 20 June 2019


लिखना आत्मसंतुष्टि एवं आत्मविश्वास का सर्वोत्तम माध्यम है|
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23 APR 2022 AT 18:42

कितना भी भागो अन्ततः आना ही होगा किताबों के पास
(पूरी अनुशीर्षक में पढ़ें)

राजीव मिश्र
२३.०४.२०२२

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16 APR 2022 AT 13:09

महावीर पवन सुत भक्त शिरोमणि विख्याता
अंजनी जाया बल बुद्धि बिद्या दान के दाता
निरोग कर्ता कलयुग के एकमात्र दुख हर्ता
अनन्य भक्त प्रभु श्री राम के परम प्रिय
श्री हनुमान जी के प्राकट्य दिवस की
सभी जन मानस को कोटिशः बधाई एवम्
भगवान श्री हनुमान जी से विनम्र विनती
सकल विश्व जगत का कल्याण करे
अपनी कृपा से सदा सभी को निहाल करे।
जय जय वीर बजरंगी 🙏🙏

राजीव मिश्र
१५.०४.२०२२

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2 APR 2022 AT 13:30

चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा की शुभ तिथि है आयी तम भेद नव प्रकाश ले भोर सुहानी आयी
अरुणोदय की प्रथम किरण से नभ में लाली छायी
निशा अंधेरी बीत गई नव प्रभात है आया
देखों देखों नववर्ष हमारा है आया
कर श्रंगार नूतन रवि का जैसें
वसुधा दुल्हन बन के आयी
संग नव संदेशा लायी
छटा है कुहरा ना बरस रहा पाला
ना है कुत्सित कीच कही
ना बिखर रही है ज्वाला
देखों देखों दृश्य अनुपम और निराला
पकी फसले खेत लहलहाये है देखों
खलिहान भी मंद मंद मुस्काये है देखों
हसियें भी मंगल गायेंगे
पल्लवित होंगे तरु नव पल्लव से
नित्य कुसुम नये नये फूलेगें
सब मिल गौर गणेश पूजेंगे
झूम उठी है डाली डाली
गा रही कोयल मतवाली
चिड़ियों ने भी ये संदेशा गाया
देखों देखों नववर्ष हमारा है आया
स्वागत स्वागत स्वागत नववर्ष तुम्हरा
शुभ हो शुभ हो सबको नववर्ष हमारा।

हिंदू नववर्ष संवत् २०७९, ०२.०४.२०२२ की हार्दिक शुभकामनायें ।
राजीव मिश्र -०२.०४.२०२२

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18 MAR 2022 AT 2:00

होली!
रँग बिरँगी होली
दिल के मैल छुङाती होली
छूटें दिल में मेल कराती होली
निर्मल पावन सलिल सुहावन
जन जन की मनभावन होली
ऊँच नीच का भेद मिटा
रूप रँग का भेद भुला 
भर प्रेम रँग में सबको
गले लगाती होली
आओ आओ सब हिलमिल जाये 
मिल कर रोज मनाये होली

राजीव मिश्र
१७.०३.२०२२

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27 JAN 2022 AT 15:14

ओ! करोना तुम कब जाओगे
बच्चों पर हो रोब जमाते
नहीं तनिक भी तुम लजाते
अब सुनो तुम बात हमारी
हम पर ना चलेगी कोई चाल तुम्हारी
(पूर्ण कविता कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)

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26 JAN 2022 AT 10:04

उन सभी शूरवीरों को जिन्होने अपना अतुलनीय बलिदान देकर हमें आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का सौभाग्य दिया है उन्हें
कोटिशः नमन।
हम सभी को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाईयां ।

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13 JAN 2022 AT 23:05

जो तुम चाहते हो,
सर्वस्य अपना अर्पण कर तुम्हें
अधीन सदा तुम्हारे रहूँ
जो तुम चाहते हो
हद खीच उड़ान तुम सीमित करो
न बीध सकूँ उन्मुक्त गगन को
सिन्धु को ना पार करूँ 
(पूरी अनुशीर्षक में पढ़ें)

राजीव मिश्र
०२.०१.२०२२

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23 DEC 2021 AT 18:24

किसान!
क्या तुम जानते हो,
आज तुम्हारा दिवस है
मतलब किसान दिवस
( कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)

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21 NOV 2021 AT 9:37

मुझसे प्रेम करते हो

उसने पूँछा,
मुझसे प्रेम करते हो
मैनें कहा नहीं
सच्ची! नहीं करते हो
नहीं! बिल्कुल नहीं
जाओ मैं तुमसे नहीं बोलूगी
ऐसा हो नहीं सकता
काहे ?
क्यों कि तुम मुझसें प्रेम करती हो
आवाक!
मैनें तो कभी कहा नहीं
पर मैं समझता हूँ
तो करते क्यों नहीं
उससे क्यों करूँ जो प्रेम समझता ना हो
उसने कहा मैं समझती हूँ
मैनें कहा तो पूछतीं क्यों हो?

राजीव मिश्र
(२१.११.२०२१)

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7 JUL 2021 AT 15:09

कैसे कहूँ कि तुम मेरी मन मीत हो
डरना क्या लो कहा तुम ही मेरी प्रीत हो।

परेशान जितना ज़्यादा होता हूँ
उतना ही ज़्यादा तुम याद आती हो।

तुम में थोडा थोडा मै दिखता हूँ
क्या मुझ में तुम नज़र आती हो।

क्या मैं ही सब कहता रहूँ
मैं अब चुप तुम कुछ कहो।

क्या कहा नहीं है कोई ठिकाना
मुझें अपने दिल मे रखो तुम मेरे दिल मे रहो।

राजीव मिश्र
(०७.०७.२०२१)

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