अश्कों के पीछे जो छुपा रहे हो तुम,आसान लफ्जों में उसे ही इश्क कहते हैं। -
अश्कों के पीछे जो छुपा रहे हो तुम,आसान लफ्जों में उसे ही इश्क कहते हैं।
-
आईनों का समंदर जो थी वोलाइब्रेरी भी अब नीलाम हो गई,खरीदार उसका भी सचमुच कोई गरीब रहा होगा... -
आईनों का समंदर जो थी वोलाइब्रेरी भी अब नीलाम हो गई,खरीदार उसका भी सचमुच कोई गरीब रहा होगा...
नशा सुकून का था मेरे दिल में कब से?कयामत की रात तो बस अभी ही आई थी। -
नशा सुकून का था मेरे दिल में कब से?कयामत की रात तो बस अभी ही आई थी।
हर उम्र के लोग मरते हैं यहां,मगर मौत की कोई उम्र नहीं होती। -
हर उम्र के लोग मरते हैं यहां,मगर मौत की कोई उम्र नहीं होती।
तन्हा चल देना मेरी आदतों में शुमार है,अब ये आदतें ही मुझे तन्हा बना रही है। -
तन्हा चल देना मेरी आदतों में शुमार है,अब ये आदतें ही मुझे तन्हा बना रही है।
वक्त मिलता नहीं ऐसी बात नहीं,उनकी यादें हमें उलझाए रखतीं हैं। -
वक्त मिलता नहीं ऐसी बात नहीं,उनकी यादें हमें उलझाए रखतीं हैं।
Where you are not the only protagonist, you cannot pen down all the characters in advance, you cannot predict your actions, and you learn to know yourself. -
Where you are not the only protagonist, you cannot pen down all the characters in advance, you cannot predict your actions, and you learn to know yourself.
एक बार जो देख लिया थाहमने रंग ज़माने का,इंद्रधनुष भी तब से जानेक्यों फीका सा लगता है। -
एक बार जो देख लिया थाहमने रंग ज़माने का,इंद्रधनुष भी तब से जानेक्यों फीका सा लगता है।
वीरानों में भी अब शोर बसने लगा है,वो अब चुप रहने के भी पैसे लेते होंगे। -
वीरानों में भी अब शोर बसने लगा है,वो अब चुप रहने के भी पैसे लेते होंगे।
भारी तो है ये हवाजो हम सांस में भरते हैं,तौलो कभी इन सांसों को गम फिर हल्का लगेगा। -
भारी तो है ये हवाजो हम सांस में भरते हैं,तौलो कभी इन सांसों को गम फिर हल्का लगेगा।