बिन देखें जो एहसास है वो एहसास हो तुम। तेरी तस्वीरों को देख जो मोहब्बत हुई वो मोहब्बत हो तुम।। क्या क्या तरकीबें अपनाऊं मैं तुझे अपना बनाने के खातिर मेरे दिलों दिमाग में छाई ऐसी खुमार भरी मोहब्बत हो तुम।। राहुल उइके "आदर्श"
जाने कैसी बेरुखी सी हो गई है हवाएं अब दम घुटने लगा है लगता है जैसे इन हवाओं को हमारा होना अब चुभने लगा है एक आप से ही मोहब्बत है आप बताने से डर रहें हैं जाने क्यूं अब ये डर मुझकों अंदर मारने लगा है राहुल उईके "आदर्श"
ना जाने क्या हो गया है,तुमसे आदत सी हो गई है सिर्फ तुम दिखती हो, तुमसे मोहब्ब्त सी हो गई हैं।। क्या जादू सा हुआ है मेरे जहन में, तेरी ही तस्वीरें नज़र आती हैं दीवारों मे। सारी दुनिया की ख्वाहिशों को छोड़,एक तुम सिर्फ तुमसे चाहत सी हो गई है।। ✍️आदर्श
मेरे एहसासों के समंदर में तुम एक ख़ास एहसास हो। फूलों में समाई खुशबू के एक एक कतरा का तुम एहसास हो। मेरे जहन में कई चेहरें रहते हैं मगर एक तुम्हारा चेहरा मेरे लिए खास है मेरे लिए तुम वो एहसास हो राहुल उइके"आदर्श"
हवाओं की सरसराहट से दिल दहल उठता है अब तो गम इतने की जिंदगी भी कहर लगता है छोड़ दू सारी तमन्नाओं को, छोड़ दू ये जिंदगी अब तो बस श्मशान में ये मन लगता है राहुल उइके"आदर्श"