R K Mishra   (✍🏻 rajkalam)
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Joined 28 January 2018


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Joined 28 January 2018
3 OCT 2023 AT 5:37

Yes mam you are very true at your point.
But that's not what I meant,
rest I need Shashi tharur sir on this.😅

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3 OCT 2023 AT 2:08

women love idealistically and men love realistically...
And the problem is,Is that we love a woman way more than a woman loves us.
Reason is when a Man loves a woman he loves her like she is a child...
He looks after her, He protects her,
He provides for her, He do everything for her
where women love him like a father,
But In our nature we are meant to lose our parents not to lose our child.
And a man loses a child when him and his woman separates
And it's way more heartbreaking.

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29 SEP 2023 AT 18:16

दुवाएं काम आई, मुकम्मल तो हो गया
ख्वाबों से यादों में तब्दील हुआ मैं,
सपनों में ही खो गया।
तेरी याद भी आई, कुछ कर न सका
जो खबर सुने थे तुने अरसो पहले,
मैं ख़बरो में ही रह गया ।।

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29 SEP 2023 AT 0:51

अपनों से रूठे शख़्स को पीठ पीछे अपनों का गुण गाते देखा है
मक्कारों को सामने भी मुस्कुराते देखा हैं।
हुनर सीख रहा हु अभी भी इंसानों को पढ़ने का...
अभी कल ही एक इंसान को उसके हमदर्द के दर्द को दफनाते देखा हैं।।

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27 SEP 2023 AT 23:52

Thank you so much for liking my quote #Yourquote baba
#yqbaba

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26 SEP 2023 AT 23:42

Moving on is only the reality that you can't face that person anymore cause of you get bored.

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25 SEP 2023 AT 19:33

उपहार की दौड़ में उपहास बनकर रह गए
मुसलसल सिलसिला चलता रहा
दौड़ हुई उपहास की भी...
फिर क्या परिहास बनकर रह गए

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24 SEP 2023 AT 19:42

मनुष्य यथासंभव चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है और
ये परिस्थितियाँ उसकी चुनौतियों का स्तर बढ़ाती रहती हैं।
और ऐसा तब तक होता है जब तक आप इस भौतिक संसार में डूबे रहते हैं।
इन सबसे मुक्ति का सिर्फ एक ही मार्ग हैं अपनी दिशा विपरीत कर दो
अर्थात् मोह रूपी जीवन चक्र के प्रतिकूल हो जाओ।

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22 SEP 2023 AT 21:08

बांट दिया इस धरती को
चांद - सितारों का क्या होगा?
नदियों के कुछ नाम रखे
बहती धारों का क्या होगा?
शिव की गंगा भी पानी हैं
आबे जमजम भी पानी हैं
मुल्ला भी पिए पंडित भी पिए
पानी का मजहब क्या होगा?
और इन फिरकापरस्तो से पूछो
सूरज भी अलग बनाओगे?
एक हवा में सांस हैं सबकी
क्या हवा भी नई चलाओगे?
नस्लों का करे जो बटवारा
रहबर वो कौम का ढोंगी हैं
और क्या खुदा ने मंदिर तोड़ा था?
या राम में मस्ज़िद तोड़ी हैं?

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22 SEP 2023 AT 21:00

सिर्फ़ दरकार ही दीदार का इक जरिया हैं
वरना दरकिनार के आमिल तो हर जगह मौजूद हैं

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