R Abhishek   (Ham_saaz)
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अपने जज्बातों को लिखकर बयां करना भी एक कला है बस उसी को सीखने में लगा हूं।
Joined 4 May 2019


अपने जज्बातों को लिखकर बयां करना भी एक कला है बस उसी को सीखने में लगा हूं।
Joined 4 May 2019
25 AUG 2021 AT 0:06

सबकी पहली पसंद हो तुम
हमारी भी हो तो नया क्या हुआ

चलो छोड़ो ये सब बातें
ये बताओ खाना हुआ।

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14 AUG 2021 AT 16:34

खुद को इतना काबिल बना लो कि लोग तुमसे हाल पूछे ना की तुम्हारी जात।

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26 JUL 2021 AT 21:02

मिलता है सुकून उसकी मुस्कुराहट से,
मैं बस चाहता हूं उसकी बजह होना।

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8 JUL 2021 AT 5:59

लफ़्ज़ों को देकर आराम, ख़ामोशी को चुनकर देखो
सारे मसले होंगे हल, तुम उसकी भी सुनकर देखो।

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6 JUL 2021 AT 14:45

You have shiny eyes and beautiful lips
You have smart brain so we can ask for tips

Your voice is gentle we feel some soothe
You have magical smile it's very smooth

Your nature is pure and heart is kind
When we do mistakes you say nevermind

Whatever we will gain like fame and name
You will be the reason dear 'Ifra ma'am'

- Abhishek

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3 JUL 2021 AT 23:27

शोक कम है उसके खुवाहिशें ज्यादा नहीं करती
बाबा की खाली जेब देखकर, ज़िद्द नहीं करती

सुबह से शाम उलझनों में घिरी रहती है बो भी
सबसे मशवरा करती है कभी मना नहीं करती

गर देखो उसमें कोई एब, तो बेशक बता देना
सादगी से सुनती है, कभी शिकवा नहीं करती

अपने हिस्से के सारे धोखे साथ लिए फिरती है
थोड़ा कंजूस सी है इसलिए बापस नहीं करती

खुशनसीबी है हमसाज़, कि वो यार है तुम्हारी
बरना किसी से भी यूहीं, वो दोस्ती नहीं करती

-hamsaaz

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1 JUL 2021 AT 22:51

इतनी कद्र की तो हकदार बो भी है
तुम हो परेशान तो बीमार बो भी है

गर गुरूर में तुम शुमार हो तो क्या
मत भूलो कि समझदार बो भी है

अनोखा है ख़ुद को पाक कहना
पर यकीनन इज्ज़तदार बो भी है

माना, तुम रखते हो चुनावी हक
पर औरों की उम्मीदवार बो भी है

अब पैरों कि जूती नहीं है ' औरत '
रखती खुद पर इफ़्तिख़ार बो भी है

-hamsaaz


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29 MAY 2021 AT 17:29

एक तसल्ली सी मिलती है किताबें पढ़कर,
बेशक ये वक़्त लेती है, पर बर्बाद नहीं करती।

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25 MAY 2021 AT 7:19

मेरी सारी थकन मा'दूम हो गई,
मां की गोद जैसे जन्नत हो गई।

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24 MAY 2021 AT 13:43

नदी में अचानक ये हलचल कैसी,
उसने सफ़ीना से पैरों को बाहर किया होगा।

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